पीएम नरेंद्र मोदी अब देशभर में पानी की समस्या से छूटकारा दिलाने के लिए करेंगे ये नया काम, जानकर लोग हुए हैरान

पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले ‘मन की बात’ प्रोग्राम में जल संकट की समस्या से निपटने पर जोर दिया.

उन्होंने बोला कि उन्हें हिंदुस्तान के लोगों पर हमेशा से विश्वास था कि वे उन्हें एक बार फिर वापस लाएंगे. उन्होंने बोला कि सारे देश में जल संकट से निपटने का कोई एक फ़ॉर्मूला नहीं होने कि सम्भावना है. इसके लिए देश के भिन्न-भिन्नहिस्सों में, भिन्न-भिन्न ढंग से, कोशिश किये जा रहे हैं, लेकिन सबका लक्ष्य एक ही है  वह है पानी बचाना, जल संरक्षण.

जानें पानी के संकट को लेकर प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘मन की बात’ में क्या कहा

1- जल संरक्षण की दिशा में जरूरी सहयोग देने वाले व्यक्तियों का, खुद सेवी संस्थाओं का,  इस क्षेत्र में कार्य करने वाले हर किसी का, उनकी जो जानकारी हो, उसे आप शेयर करें ताकि उनका एक डाटाबेस बनाया जा सके.

2- हमारे देश में पानी के संरक्षण के लिए कई पारंपरिक तौर-तरीके सदियों से उपयोग में लाए जा रहे हैं. मैं आप सभी से, जल संरक्षण के उन पारंपरिक उपायों को शेयर करने का आग्रह करता हूं.

3- मेरा पहला अनुरोध है – जैसे देशवासियों ने स्वच्छता को एक जन आंदोलन का रूप दे दिया. आइए, वैसे ही जल संरक्षण के लिए एक जन आंदोलन की आरंभ करें. देशवासियों से मेरा दूसरा अनुरोध है. हमारे देश में पानी के संरक्षण के लिए कई पारंपरिक तौर-तरीके सदियों से उपयोग में लाए जा रहे हैं. मैं आप सभी से, जल संरक्षण के उन पारंपरिक उपायों को शेयर करने का आग्रह करता हूं.

4 – जल की महत्ता को सर्वोपरि रखते हुए देश में नया जल शक्ति मंत्रालय बनाया गया है. इससे पानी से संबंधित सभी विषयों पर तेज़ी से निर्णय लिए जा सकेंगे.

5- मेरे प्यारे देशवासियो, मुझे इस बात की ख़ुशी है कि हमारे देश के लोग उन मुद्दों के बारे में सोच रहे हैं, जो न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य के लिए भी बड़ी चुनौती है. जो भी पोरबंदर के कीर्ति मंदिर जायें वो उस पानी के टांके को जरुर देखें. 200 वर्ष पुराने उस टांके में आज भी पानी है  बरसात के पानी को रोकने की व्यवस्था है, ऐसे कई प्रकार के इस्तेमाल हर स्थान पर होंगे.

6- पंजाब में ड्रीनेज लाइंस को सही किया जा रहा है. इस कोशिश से वॉटर लॉगिंग की समस्या से छुटकारा मिलेगा तेलंगाना के थिमाईपल्ली में टैंक के निर्माण से गांवों के लोगों की जिंदगी बदल रही है राजस्थान के कबीरधाम में, खेतों में बनाए गए छोटे तालाबों से एक बड़ा परिवर्तन आया है.

7- देशभर में ऐसे कई सरपंच हैं, जिन्होंने जल संरक्षण का बीड़ा उठा लिया है. ऐसा लग रहा है कि गांव के लोग, अब अपने गाँव में, जैसे जल मंदिर बनाने के स्पर्धा में जुट गए हैं.सामूहिक कोशिश से बड़े सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो सकते हैं.

8- बिरसा मुंडा की धरती, जहां प्रकृति के साथ तालमेल बिठाकर रहना संस्कृति का भाग है वहाँ के लोग, एक बार फिर जल संरक्षण के लिए अपनी सक्रिय किरदार निभाने के लिए तैयार हैं. पीएम ने सभी ग्राम प्रधानों एवं सरपंचों को उनकी इस सक्रियता के लिए उन्हें बधाईयाँ दी.