पाकिस्तान : सेना की आलोचना करना पत्रकार को पड़ा भारी, हुआ जानलेवा हमला

बीते सालों में देश में कई पत्रकारों पर हमले हुए हैं लेकिन कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं की मांगों के बावजूद कभी भी किसी मामले में ना तो जांच पूरी हुई और ना किसी को हिरासत में लिया गया।

इससे पहले पिछले महीने इस्लामाबाद में ही बंदूकधारियों ने पत्रकार अबसार आलम पर उसके घर के बाहर गोली चला कर उसे घायल कर दिया था। यह पत्रकार भी सेना की बेबाक आलोचना के लिए मशहूर हैं।पिछले साल टूर और दो और पत्रकारों के खिलाफ सेना को बदनाम करने के लिए एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया था, लेकिन इस्लामाबाद के एक हाई कोर्ट ने इन आरोपों को खारिज करने के आदेश दे दिए थे।

यही नहीं पिछले साल जुलाई में पत्रकार मतिउल्ला जान का इस्लामाबाद से अपहरण कर लिया गया था। उन्हें किसी अज्ञात ठिकाने पर घंटों यातनाएं दी गईं और उसके बाद एक सुनसान सड़क पर छोड़ दिया गया। .

ब्लागर और यू ट्यूबर असद सरकारी एजेंसियों के अत्याचारों को उजागर करने वाले पत्रकार के रूप में पहचाने जाते हैं। असद अली टूर पाकिस्तानी टीवी चैनल ‘आज टीवी’ के एक लोकप्रिय कार्यक्रम के प्रोड्यूसर हैं और यूट्यूब पर “असद अली टूर अनसेंसर्ड” नाम से अपना चैनल चलाते हैं।

उन्होंने पुलिस को बताया कि कम से कम तीन अज्ञात बंदूकधारी मंगलवार रात इस्लामाबाद में उनके घर में घुस आए और उनका मुंह व हाथ-पांव बांध कर पीटा और फिर घायल छोड़ कर चले गए।

अली अभी अस्पताल में उपचाराधीन हैं। तूर पर हुआ ये हमला 2018 में प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार बनने के बाद से पत्रकारों पर लगातार हो रहे हमलों की श्रृंखला का एक हिस्सा है।

पाकिस्तान में पत्रकारों पर जानलेवा हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ताजा मामला इस्लामाबाद का है। यहां सेना की आलोचना करने पर पत्रकार असद अली बंदूकधारी लोगों ने जानलेवा हमला कर दिया। दो महीनों में पत्रकारों पर हमले की यह दूसरी घटना है।

सेना और सशस्त्र बलों के काले कारनामों को सामने लाने वाले इस पत्रकार की घर में घुसकर हत्या करने का प्रयास किया गया। हमलावर असद अली को मरणासन्न स्थिति में छोड़कर चले गए।

पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग ने इस घटना की कड़ी आलोचना की है। पत्रकार जगत में जबर्दस्त रोष है। पत्रकार असद अली तूर ने पिछले दिनों पाक की दुर्दशा को लेकर पाकिस्तान के निर्माण पर ही सवाल उठाया था।