पाकिस्तान पर मंडराया ये बड़ा संकट , अब क्या करेंगे इमरान खान

इसके बाद वैश्विक संस्था ने पाकिस्तान को 19-21 फरवरी तक इन मुद्दों को हल करने का समय दिया. FATF ने कहा कि वे आतंक के मुद्दे पर हमेशा के लिए इंतजार नहीं कर सकते हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, FATF के अध्यक्ष मार्कस प्लीयर ने अक्टूबर में 2020 की समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि आतंकवादी वित्तपोषण का मुकाबला करने के पाकिस्तान के प्रयासों में बहुत गंभीर कमियां थीं.

FATF ब्लैकलिस्ट उन देशों की एक सूची होती है, जहां सरकारें मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने के वैश्विक प्रयास में सहयोग नहीं करती हैं.

ये वैश्विक वॉचडॉग संस्था पाकिस्तान के ‘ग्रे लिस्ट’ स्टेटस को लेकर विचार करेगा. इसका मतलब है कि FATF की अगली बैठक तक इस सूची में शामिल देश पर आतंक के वित्तपोषण को लेकर गहन निगरानी रखी जाती है. पाकिस्तान को 2018 में ग्रे-लिस्ट में शामिल किया गया था.

पाकिस्तान (Pakistan) पर एक बार फिर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ‘ब्लैक लिस्ट’ (Blacklist) में शामिल किए जाने का खतरा मंडरा रहा है.

इस्लामाबाद लगातार आतंकियों को वित्तीय सहायता दे रहा है और अपनी जमीन पर उन्हें पनपा रहा है. ग्रीक सिटी टाइम्स ने इसकी रिपोर्ट दी है. जमात-उद-दावा (JuD) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) लगातार पाकिस्तान में बिना किसी डर के आतंक की फैक्ट्री चला रहे हैं.