बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को मंत्रिपरिषद का विस्तार कर 8 नए मंत्री शामिल किए
सीएम नीतीश कुमार ने भाजपा को भी एक मंत्री पद का ऑफर दिया था लेकिन उसने मना किया
बिहार के डेप्युटी मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बोला कि ‘भविष्य में इस मंत्री पद को भरा’ जाएगा
केंद्र की नरेंद्र नरेन्द्र मोदी सरकार 2.0 में एक मंत्री पद का ऑफर ठुकराने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को प्रदेश मंत्रिपरिषद का विस्तार किया. इस विस्तार के लिए मुख्यमंत्री नीतीश ने भाजपा को एक मंत्री पद का ऑफर दिया था जिससे भाजपा ने मना कर दिया था. माना जा रहा है कि केन्द्र के प्रस्ताव से नाराज नीतीश ने मंत्रिपरिषद विस्तार में 1 के बदले 1 प्रस्ताव के जरिए भाजपा से ‘बदला’ लिया है.
बिहार के डेप्युटी मुख्यमंत्री व भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने इस बात की पुष्टि की है कि उनकी पार्टी को एक मंत्री बनाए जाने का ऑफर दिया गया था लेकिन उन्होंने इसे वैसेइन्कार कर दिया है व ‘भविष्य में इसे भरा’ जाएगा. यही नहीं एनडीए के सहयोगी दल लोक जनशक्ति पार्टी को भी इस विस्तार में शामिल नहीं किया गया है. राज्य में अब 33 मंत्री हैं जबकि 243 सदस्यीय विधानसभा में मंत्रियों की अधिकतम संख्या 36 है. इनमें से अभी एक मंत्री बीजेपी, एक एलजेपी व एक जेडीयू का बनाया जा सकता है.
एक मंत्री पद स्वीकार नहीं करने के बाद जेडीयू की नाराजगी बनी हुई है व वह अन्य एनडीए दलों के उल्टा मोदी मंत्रिपरिषद में ‘समानुपातिक प्रतिनिधित्व’ चाहती है. दरअसल, जेडीयू केन्द्र में 2 से 3 मंत्री पद चाहती है लेकिन इससे भाजपा के लिए संकट पैदा हो जाएगा क्योंकि महराष्ट्र में उसकी सहयोगी पार्टी शिवसेना के जेडीयू से ज्यादा सांसद हैं. बोला जाता है कि पॉलिटिक्स संभावनाओं का खेल है लेकिन रविवार को जेडीयू ने जोर देकर बोला कि यह उनकी पार्टी का ‘अंतिम फैसला’ है कि वह केन्द्र में एनडीए सरकार में शामिल नहीं होगी.