रिजर्व बैंक ने बुधवार को सार्वजनिक एरिया पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना अपने ग्राहक को जानिये दिशा निर्देशों (केवाईसी) व धोखाधड़ी- वर्गीकरण नियमों का अनुपालन नहीं करने पर लगाया गया है। केन्द्रीय बैंक ने जारी एक वक्तव्य में यह जानकारी दी है। इसमें बोला गया है कि यह जुर्माना बैंक द्वारा रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने पर लगाया गया है। इसमें बोला गया है, ‘‘यह कार्रवाई नियामकीय अनुपालन में खामी के आधार पर की गई है। इसके पीछे बैंक व ग्राहकों के बीच हुये किसी प्रकार के लेनदेन व समझौते की वैलिडिटी को लेकर सवाल उठाने की कोई मंशा नहीं है। ’’
आरबीआई ने पिछले वर्ष भी पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। यह जुर्माना एक खाते में धोखाधड़ी का पता लगाने में बैंक की तरफ से की गई देरी को लेकर लगाया गया था।
इससे पहले पिछले वर्ष जून के महीने में लोन डिफॉल्ट मामले में बैंक ऑफ महाराष्ट्र के सीईओ एंड एमडी रविंद्र मराठे को अरैस्ट किया गया था। 3000 करोड़ के DSK ग्रुप लोन डिफॉल्ट में पुणे पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने उन्हें अरैस्ट किया था। मराठे के अतिरिक्त बैंक के एग्जिक्यूटिव डायरेक्ट आर के गुप्ता को भी अरैस्ट किया गया था। के कार्यकारी निदेशक राजेन्द्र गुप्ता, जोनल मैनेजर नित्यानंद देशपांडे, डीएसके के सीए सुनील घाटपाण्डे, वीपी इंजीनियरिंग विभाग के राजीव नेवास्कर भी अरैस्ट किए गए हैं।