राजनीतिक विज्ञापनों के लिये कड़े नियम करेगा फेसबुक

फेसबुक ने बुधवार को बोला कि वह हिंदुस्तान जैसे राष्ट्रों में जहां आम चुनाव होने वाले हैं राजनीतिक विज्ञापनों के लिये नियम कड़े करेगा कंपनी ने बोला है कि अमेरिका, ब्रिटेन  ब्राजील में राजनीतिक विज्ञापनों में पारदर्शिता लाने के उसके कोशिश पहले से ही चल रहे हैं हिंदुस्तान में आम चुनाव अगले कुछ महीनों में होंगे फेसबुक ने इस मामले में एक के बाद एक कई गड़बड़ियां  घोटाले सामने आने के बाद नियमों में सख्ती की बात की है

सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने अपने एडवरटाईजमेंट पृष्ठ पर डाली गई एक पोस्ट में बोला है, ‘‘इस वर्ष संसार भर में कई स्थान आम चुनावों की तैयारियां चल रही है हम बाहरी हस्तक्षेप को रोकने पर लगातार ध्यान दे रहे हैं हमारे प्लेटफार्म पर जो भी एडवरटाईजमेंट होगा उसमें लोगों को अधिक सूचना दी जायेगी ’’कंपनी ने बोला है कि हिंदुस्तान में फेसबुक एक एडवरटाईजमेंट लाइब्रेरी प्रारम्भ करेगा  आम चुनावों से पहले विज्ञापनों की पुष्टि का नियम लागू करेगा चुनाव अप्रैल-मई तक हो सकते हैं

कंपनी का कहना है कि अमेरिका, ब्रिटेन  ब्राजील में राजनीतिक एडवरटाईजमेंट देने वालों को एडवरटाईजमेंट जारी होने से पहले अपनी पूरी पहचान  जगह के बारे में पुष्टि जरूरीकी गई है इन विज्ञापनों को सात वर्ष के लिए संग्रहित कर दिया जाता है जिसे कोई भी देख सकता है

फेसबुक ने बोला है कि नाइजीरिया  उक्रेन में कोई भी विदेशी चुनावी एडवरटाईजमेंट स्वीकार नहीं किया जायेगा यूरोपीय संघ में मई में यूरोपीय संसद के लिये होने वाले चुनावों में कंपनी ‘‘पारदर्शिता उपाय’’ जारी करेगी कंपनी ने बोला है कि जून के अंत तक इन तरीकों को वह दुनियाभर के विज्ञापनदाताओं के लिये उपलब्ध करा देगी

फेसबुक ने पिछले वर्ष इस बात को स्वीकार किया था कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिये कार्य करने वाले राजनीतिक एरिया की कंपनी केंब्रिज एनालिटिका ने उसके लाखों उपयोगकर्ताओं से जुड़ी जानकारी को चुरा लिया था ब्रिटेन में बेक्जिट मतदान की आलोचना करने वाले लोगों का भी कहना है कि कैंब्रिज एनालिटिका ने चुराये गये इन आंकड़ों को प्रयोग ‘‘ईयू को छोड़ने’’ की दिशा में मतदान करवाने के लिये भी किया