नए साल की शुरुआत होते ही इस खतरनाक बीमारी ने दी दस्तक ,कौओं की हो रही मौत

राजस्थान में सैकड़ों पक्षियों की मौत हो गई। नागौर जिले के मकराना उपखंड के कालवा गांव में सैंकड़ों की संख्या में मृत पक्षी मिल चुके हैं और यह सिलसिला लगातार जारी है।

 

मरने वाले पक्षियों में सबसे ज्यादा संख्या राष्ट्रीय पक्षी मोर की है, जिनकी संख्या 100 के करीब पहुंच चुकी है जबकि अन्य पक्षी भी लगातार काल का ग्रास बन रहे हैं। कौवे , कबूतर और फाख्ता सहित कई पक्षियों के शव लगातार मिलने जारी हैं।

शर्मा ने बताया कि रेसीडेंसी क्षेत्र में हजारों कौओं का झुंड रहता है। इस क्षेत्र में मरे कौओं को खोजने का अभियान चलाया जा रहा है जो कई दिनों तक जारी जारी रहेगा। इंदौर का रेसीडेंसी क्षेत्र शहर के पॉश इलाकों में शामिल हैं। इस इलाके में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही न्यायाधीशों के भी बंगले हैं।

पशु चिकित्सा विभाग के उपसंचालक ने बताया कि डेली कॉलेज परिसर में शुक्रवार को भी करीब 20 कौए मरे हुए पाए गए हैं। अब तक जितने भी मरे कौए मिले हैं औ सभी को सुरक्षित वैज्ञानिक विधि से दफनाया गया है।

उन्होंने कहा कि इसके बाद रेसीडेंसी क्षेत्र के पांच किलोमीटर के क्षेत्र में सर्दी, खांसी और बुखार के लक्षणों वाले मरीजों का पता लगाने के लिए सर्वे शुरू किया गया है। इन मरीजों के नमूने लिए जाएंगे और बर्ड फ्लू की जांच कराया जाएगा।

पशु चिकित्सा विभाग ने इनमें से कुछ कौओं के शव को नमूना लिया था और भोपाल की एक प्रयोगशाला में इनकी जांच हुई, तो इनमें बर्ड फ्लू फैलाने वाले वायरस एच5एन8 पाया गया है।

इंदौर की प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी पूर्णिमा गडरिया ने कहा कि रेसीडेंसी क्षेत्र के स्कूल डेली कॉलेज के परिसर में करीब 50 कौए मृत मिले थे।

अब 50 कौओं में शुक्रवार बर्ड फ्लू के वायरस की पुष्टि हुई। इसके बाद प्रशासन अलर्ट हो गया है और सर्दी, खांसी और बुखार के लक्षणों वाले मरीजों का पता करने के लिए अभियान शुरू किया गया है।

कोरोना संकट के बीद मध्य प्रदेश में बर्ड फ्लू ने दस्तक दे दी है। इसके बाद राज्य में हड़कंप मच गया है। प्रदेश के इंदौर में हाल ही में कौए मृत पाए गए थे।