चीन के लिए बनी मुसीबत बना ये देश, भारी संख्या में सेना तैनात

चीन की बोट्स से काफी बेहतर और नई तकनीक से लैस होंगी। इन्हे स्पेशल स्टील और स्पेशल धातु से बनया जा रहा है। साथ ही अत्याधुनिक सर्विलांस और कम्युनिकेशन लगाए जा रहे हैं।

 

इन्हे बनाने में सबसे ज्यादा बकस किया जा रहा है इनकी मजबूती पर ताकि चीन इन्हे टक्कर मार कर नुकसान न पहुंचा सकें। इसके लिये स्टील की मोटी प्लेटें भी लगाई जा रही हैं। नई बोट में जवानों के बैठने की भी ज़्यादा जगहें होंगी। इन बोट में क़रीब 25-30 जवान एक साथ बैठ सकते हैं।

भारत की सरकारी कंपनी गोवा शिपयार्ड से आर्मी ने इन पेट्रोलिंग बोट्स को खरीदने के लिए समझौता किया है। 12 पेट्रोलिंग बोट्स को लेकर गोवा शिपयार्ड लिमिटेड के साथ भारतीय सेना ने अनुबंध पर हस्ताक्षर किया है।

सेना ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि इन नौकाओं की डिलीवरी मई 2021 से शुरू हो जाएगी। मात्र 5 महीने में पैंगोंग झील में स्वदेशी नौका सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में काम करने लगेंगी।

दरअसल, पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच पैंगोंग त्सो झील संवेदनशील क्षेत्र है। ऐसे में चीन हमेशा से यहां पेट्रोलिंग के दौरान अपनी बोट के जरिए भारतीय बोट को टक्कर मारकर नुकसान पहुंचाने की और भारतीय सेना की बोट को डुबोने की कोशिश करता रहता है।

चीन की इन्हीं गतिविधि पर नजर बनाने और जवाब देने के लिए भारतीय सेना 12 हाई परफॉर्मेंस पेट्रोलिंग बोट्स खरीदने जा रही है। इन गश्ती नौका के आने के बाद भारत की ताकत में बढ़ोतरी होगी।

भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में जारी सीमा तनाव को देखते हुए अब भारतीय सेना हाई परफॉर्मेंस पेट्रोलिंग बोट्स खरीदने की तैयारी में है। सेना इन बोट्स कको लद्दाख में पैंगोंग झील पर तैनात करेगी। इन हाई परफॉर्मेंस बोट्स के जरिये जवान चीन की हर हरकत पर नजर रखेंगे। इन पेट्रोलिंग बोट्स को भारत की सरकारी कंपनी गोवा शिपयार्ड से खरीदा जाएगा।