धोनी ने कहा इस खिलाडी की वजह से हुआ आउट, नहीं तो…

ये वो खिलाड़ी है जो कठिन से कठिन दशा में भी हंसता नजर आता है। वो खिलाड़ी जिसने हिंदुस्तान को ऐसे अनगिनत मैच जिताए, जिसमें जीतने की उम्मीद हर कोई छोड़ चुका था।वो खिलाड़ी जिसे टीम इंडिया में संकट के समय सबसे पहले याद किया जाता है।
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मगर न्यूजीलैंड के विरूद्ध वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल मुकाबले में हिंदुस्तान का यह संकटमोचक फिनिशिंग लाइन पार नहीं कर सका। 71 रन पर पांच विकेट भारतीय टीम गंवा चुकी थी। क्रीज पर हार्दिक पंड्या का साथ देने धोनी उतरे। तब जीत के लिए चाहिए थे 27 ओवर में 169 रन। यानी सब कुछ माही के अनुसार। आखिर ऐसे कठिन दशा में तपकर ही तो धोनी सोना बने हैं।

धोनी व बाकी खिलाड़ियों में फर्क!

मगर पूर्व कैप्टन का साथ हार्दिक पंड्या भी ज्यादा देर नहीं निभा सके व वैसा शॉट खेलकर आउट हुए जो बताता है कि धोनी व बाकी खिलाड़ियों में आखिर फर्क क्या है। धोनी थे तो उम्मीद थी, व वर्ल्ड कप की आस भी। उन्हें साथ मिला एक ऐसे खिलाड़ी का जिसे टीम ने शुरुआती सात मैचों में टीम में स्थान ही नहीं दी थी। इंग्लैंड में हिंदुस्तान का ट्रंपकार्ड यानी रवींद्र जडेजा। जडेजा को एक छोर पर मजबूती से डटे धोनी का विश्वास मिला तो वो प्रारम्भ हो गए ताबड़तोड़ अंदाज में जीत का फासला कम करने में। दोनों समझबूझ व आक्रमण औरडिफेंस में तालमेल के साथ टीम को जीत के बहुत ज्यादा करीब ले आए। यहां रवींद्र जडेजा 77 रन बनाकर 48वें ओवर की आखिरी गेंद पर आउट हो गए। दो ओवरों में अब टीम को 31 रन की दरकार थी। यानी जडेजा अपना कार्य कर चुके थे। अब ये बाजी धोनी की ही थी। उन्हीं की हो भी सकती थी।

गप्टिल के सीधे थ्रो ने तोड़ा हिंदुस्तानियों का दिल

49वें ओवर की पहली गेंद बैकवर्ड प्वाइंट के ऊपर से झनझनाता छक्का धोनी ने रसीद करते हुए फग्युर्सन का स्वागत किया। मानो कह रहे हों कि यहां व इन दशा का राजा मैं हूं। दूसरी गेंद पर कोई रन नहीं बना। व फिर आई वो गेंद, जिसने दुनियाभर के क्रिकेट प्रशंसकों को स्तब्‍ध कर दिया। धोनी ने फग्युर्सन की इस उठती गेंद को लेग साइड पर खेला व इस विश्वास के साथ दौड़ पड़े कि वो दूसरा रन पूरा कर लेंगे। पूरा कर भी लेते अगर मार्टिन गप्टिल के सीधे थ्रो ने हिंदुस्तानियों का दिल न तोड़ दिया होता तो। धोनी बस 1-2 इंच दूर रह गए। व यही फासला फाइनल व टीम इंडिया के बीच का भी साबित हुआ।