दिल्ली पुलिस की महिला सब इंस्पेक्टर को भारी पड़ा मोबाइल का लालच

मोबाइल का लालच दिल्ली पुलिस की एक महिला सब इंस्पेक्टर को भारी पड़ा है। महिला सब इंस्पेक्टर ने दुष्कर्म के एक मामले की जांच के दौरान आरोपी का मोबाइल जब्त तो कर लिया, लेकिन उसे मालखाने में जमा कराने की बजाय खुद अपने पास ही रख लिया। अदालत ने इस कृत्य को सरकारी संपत्ति के गबन की श्रेणी में रखा है।

द्वारका स्थित मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हिमांशु रमन सिंह की अदालत ने कापसहेड़ा थानाध्यक्ष को इसी थाने में तैनात महिला सब इंस्पेक्टर अनुजा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 409(सरकारी संपति का गबन) एवं 201(सबूत मिटाने) के तहत मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। अदालत ने इस मामले में कानून की व्यख्या करते हुए कहा कि जब भी किसी आपराधिक मामले में पुलिस आरोपों को साबित करने के लिए आरोपी के पास से साक्ष्य के तौर पर कोई सामान जब्त करती है,

तो वह संपत्ति मामला प्रमाणित होने तक सरकार की संपत्ति हो जाती है। अब चूंकि आरोपी के पास से मोबाइल जब्त कर लिया गया था इसलिए मोबाइल का मालखाने में जमा न होना एक सरकारी कर्मचारी द्वारा सरकार की संपत्ति का गबन करने की श्रेणी में आता है। साथ ही, क्योंकि यह मोबाइल आरोपों से जुड़ा है इसलिए इसका गायब होना सबूत के मिटाना ही माना जाएगा।