यह ऐप ट्रेनों में टिकट बुकिंग के बारे में अनुमान जताने के लिए डीप-एनालिटिक्स तकनीक का प्रयोग करती है. उच्च कोर्ट ने यह निर्णय तकनीकों की समीक्षा याचिकाओं को खारिज करते हुए सुनाया है. रेलयात्री ऐप पर स्टेलिंग टेक्नोलॉजीस का मालिकाना हक है. ट्रेवल ऐप ट्रेन, स्टेशन, प्लेटफॉर्म पर मौजूद यात्री सुविधा व ट्रेन की स्पीड के बारे में व्यापक जानकारी मुहैया करवाती है.
निर्णय में न्यायालय ने कहा- ‘हमने पाया है कि स्टेलिंग टेक इस ऐप के जरिए ग्राहकों को रिटेल सर्विस प्रोवाइडर्स (आरएसपी) से जोड़ती है. वह ट्रेनों के टिकट बेचकर अपने वॉलेट में पैसा करके कमाई कर रही है जोकि गलत है.‘ भारतीय रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) ने आरएसपी के उन अधिकृत एजेंटों की पहुंच को रद्द कर दिया है, जिनका ट्रैवल ऐप से संपर्क था.
आईआरसीटीसी ने पहले अधिकृत एजेंटों को ट्रेन बुकिंग के लिए अपने सॉफ्टवेयर तक पहुंच दे रखी थी. बाद में इन आरएसपी ने खुद को रेलयात्री से जोड़ लिया. आईआरसीटीसी की तरफ से न्यायालय में पेश हुए एडवोकेट निखिल मजीठिया ने बोला कि आईआरसीटीसी के अनुसार रेलयात्री की सेवाएं अनधिकृत हैं व आरएसपी ने उससे खुद को जोड़कर आईआरसीटीसी के साथ अपने अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन किया था.
वहीं स्टेलिंग ने न्यायालय को बताया कि रेलयात्री केवल एक औनलाइन प्लेटफॉर्म है जो ग्राहक व आईआरसीटी के अधिकृत एजेंट आरएसपी के बीच सूत्रधार की किरदार निभाता है.स्टेलिंग ने बोला कि आरएसपी उन्हें मिली सुविधा के जरिए टिकट बुकिंग करते हैं व साइट टिकट बुकिंग को सरल बनाती है. मजीठिया ने बोला कि रेलवे मंत्रालय ने केवल आईआरसीटीसी को ई-टिकट के लिए अधिकृत किया है.