तमाम अ‍मेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद बिना डरे उत्‍तर कोरिया ने कर डाला ये परीक्षण

तमाम प्रतिबंधों के बीच उत्‍तर कोरिया ने शनिवार को शॉर्ट रेंज मिसाइल का परीक्षण किया। इस परीक्षण से कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव बढ़ने की आशंका प्रबल हो गई है। उत्‍तर कोरिया ने यह कदम तब उठाया है, जब उसकी अमेरिका के साथ परमाणुकरण पर वार्ता ठप है।

दक्षिण कोरियाई सेना ने एक बयान में कहा है कि उत्‍तर कोरिया ने राजधानी प्‍योंगयांग के पूर्व में एक तटीय शहर वॉनसन के पास सुबह 9.06 बजे से 9.27 बजे के बीच कई छोटी दूरी के प्रोजेक्‍टाइल दागे। प्रोजेक्‍टाइल ने 70 से 200 किलोमीटरर की दूरी तय की।। उत्‍तर कोरिया की इस मिसाइल परीक्षण से जहां क्षेत्र में हथियारों की होड़ को बढ़ावा मिलेगा, वहीं अमेरिकी की कोरिया प्रायद्वीप में शांति पहल को भी धक्‍का लगा है। हालांकि, अभी इस परीक्षण के बारे में प्‍योंगयांग से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

बता दें कि प्योंगयांग की तरफ से ये मिसाइल परीक्षण ऐसे समय में किए गए हैं जब अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच निरस्त्रीकरण पर लगातार वार्ता चल रही है। हाल ही में फरवरी में उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच वियतनाम के हनोई में शिखर वार्ता हुई थी।

हालांकि इस बार भी दोनों देशों के बीच कोई आम सहमति नहीं बन पाई थी इसके पहले पिछले साल 2018 में जून के महीने में सिंगापुर में इन दोनों का पहला ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन हुआ था।

इसके पहले दक्षिण कोरिया के मुख्य परमाणु राजदूत और अमेरिका के बीच उत्तर कोरिया की तरफ से निरस्त्रीकरण के लिए अब तक उठाए गए कदमों की समीक्षा की गई साथ ही कोरियाई प्रायद्वीप में शांति व्यवस्था के लिए प्योंगयांग के प्रयासों पर भी चर्चा की गई थी।

कोरियाई प्रायद्वीप के शांति और सुरक्षा मामलों के विशेष प्रतिनिधि ली डो-हून और उत्तर कोरिया में अमेरिकी विशेष प्रतिनिधि स्टीफन बीगन ने अपने टेलीफोनिक वार्ता में दोनों देशों के बीच हुए दूसरे असफल शिखर वार्ता के बाद की स्थितियों की गहन समीक्षा की।

गौरलतब है कि उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने इसके पहले अप्रैल के महीने में अकेडमी ऑफ डिफेंस साइंस की मदद से एक हथियार परीक्षण किया है। हालांकि यह तत्कालिक रुप से स्पष्ट नहीं था यह किस प्रकार के हथियार का परीक्षण था लेकिन इतना तय था कि किम जोंग उन के डोनाल्ड ट्रंप से दूसरी मुलाकात के बाद उनका ये पहला हथियार परीक्षण था।

इधर दूसरी तरफ विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तर कोरिया की तरफ से किए गए हथियार परीक्षण बेहद शक्तिशाली और दूर तक मार करने वाला है। उत्तर कोरिया के जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट का कहना है कि ट्रंप के साथ दूसरी वार्ता असफल हो जाने के बाद प्योंगयाग ने पहले की ही तरह वेपन टेस्ट करना जारी रखा है।

डोनाल्ड ट्रंप और किम जोंग उन के बीच इसी साल फरवरी में वियतनाम के हनोई में हुई दूसरी मुलाकात में प्योंगयांग की तरफ किए जाने वाले परमाणु निरस्त्रीकरण की वार्ता पर जोर दिया था।