डांस करने हो सकते है सरीर को ये अदभुत और अनोखे फायेदे

आजकल देखा जा रहा है कि सिर्फ उम्रदराज लोगों को ही जोड़ों में दर्द की समस्या नहीं होती बल्कि युवा भी इस समस्या से पीडि़त हैं. महत्वपूर्ण नहीं कि डांस सिर्फ युवाओं के लिए अच्छा है. किसी भी आयु का आदमी हल्का-फुल्का डांस वर्कआउट के रूप में कर जोड़ों में लचीलापन ला सकता है. इसी के साथ पोस्ट-एक्सरसाइज सोरनेस यानी वर्कआउट के बाद जोड़ों और मांसपेशियों में खिंचाव, दर्द के साथ सूजन की समस्या में भी राहत मिलती है.

 

डांस एरोबिक्स (Dance aerobics)
डांस एरोबिक्स यानी संगीत की धुनों के जरिए जॉगिंग, रनिंग, साइक्लिंग आदि कर बॉडी को टोन रखना. शारीरिक रूप से स्वास्थ्य वर्धक होने के साथ आदमी मानसिक रूप से रिलैक्स महसूस करता है. इसमें हिप-हॉप, साल्सा, जैज  डांस के अन्य फॉर्म करने के दौरान वर्कआउट और मनोरंजन एकसाथ हो जाता है. डांस एरोबिक्स में हिप हॉप एरोबिक्स, बॉलीवुड एरोबिक्स आदि शामिल हैं.
घटता तनाव (Decreasing stress)

कई शोधों के अनुसार जो आदमी कम आयु से ही डांस प्रेक्टिस करते हैं उनमें तनाव के अवसाद में तब्दील होने के मुद्दे बेहद कम सामने आते हैं. डांस का दिमाग पर सकारात्मक प्रभाव होता है जिससे मन भी प्रसन्न रहता है. उनमें सोचने-समझने के साथ रचनात्मकता दिखाने की कला भरपूर होती है.
फायदे हैं अनेक (Benefits are many)
कम से कम 5 मिनट डांस फ्लोर पर किए गए डांस से शरीर की 30 कैलोरी बर्न हो जाती है.यदि कोई एक माह में 5-10 किलो तक वजन कम करना चाहे तो 30 मिनट तक की डांस प्रेक्टिस मददगार होती है. हाथ-पैरों के साथ ही सारे शरीर की अभ्यास करने के लिए भी डांस कर सकते हैं. इससे हाई ब्लड प्रेशर की समस्या नहीं होती. कमर के आसपास की चर्बी घटाने के लिए सालसा और बैले डांस कर सकते हैं. घर पर ही डांस कर वजन कम कर सकते हैं. यह जिम जॉइन करने जैसा ही होता है.