टी20 सीरीज से जुड़ा है इन तीन भारतीय खिलाड़ियों का भविष्य, जानिये कैसे

भारत और वेस्टइंडीज के बीच 6 दिसंबर से शुरू होने वाली 3 मैचों की टी20 सीरीज का पहला मैच हैदराबाद के राजीव गाँधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेला जाना है. इस सीरीज में कई ऐसे खिलाड़ी है जो अपने आपको साबित करना चाहेंगे तथा टीम में जगह पक्की करना चाहेंगे.

वहीं दूसरी ओर इसका नकारात्मक पहलू भी है. इस सीरीज में यदि कुछ खिलाड़ी फ्लॉप होते है तो उन्हें टीम इंडिया से बहार का रास्ता भी देखना पड़ सकता है. आज हम आपको ऐसे ही तीन खिलाड़ियों के बारे में बताएँगे जो अगर इस टी20 सीरीज में फ्लॉप हुए तो टीम से बहार होना पड़ सकता है.

रविन्द्र जडेजा

रवींद्र जडेजा
भारतीय टीम के ऑलराउंडर रविन्द्र जडेजा की फॉर्म को लेकर कोइ परेशानी नहीं है लेकिन टीम में संतुलन स्थापित करने के लिए रविन्द्र जडेजा टीम से जरूर बाहर हो सकते है. जडेजा का अंत के ओवरों में स्ट्राईक रेट भी बड़ी समस्या है जडेजा का टी20 में स्ट्राइक रेट 100 का है जो अंत में बहुत कम है.

टीम में वॉशिंगटन सुन्दर बल्लेबाजी तथा गेंदबाजी दोनों में भारतीय टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन कर रहें हैं. अगर जडेजा को इस सीरीज मेंखेलने का मौका मिलता है तो उन्हें अपने बल्ले से तेज बनाने होंगे. अगर जडेजा ऐसा करने में नाकामयाब होते हैं तो उन्हें टीम इंडिया से बहार होना पड़ सकता है.

शिखर धवन

टीम इंडिया ने टी-20 सीरीज में बांग्लादेश को 2-1 से हरा दिया, लेकिन इस जीत के बाद भी भारतीय टीम के लिए एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. नंबर चार की परेशानी से जुझती टीम इंडिया के लिए एक और बैटिंग पोजिशन इस सीरीज में सिरदर्द बनकर उभरी है. टीम इंडिया के बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन का बल्ला इस सीरीज में खामोश रहा है और वह लगातार रन बनाने के लिए संघर्ष करते नजर आए.

टीम इंडिया के लिए वनडे में शानदार प्रदर्शन करने वाले शिखर धवन भरत के लिए टी20 में अपने रंग में नजर नहीं आए। शिखर धवन टी-20 सीरीज के आखिरी मैच में महज 19 रन बनाकर आउट हुए। उन्हें शफीउल ने आउट किया. इससे पहले खेले गए पहले दो टी-20 मैच में धवन ने बड़ी ही धीमी गति से 41 और 31 रन बनाए थे. धवन ने इस टी-20 सीरीज के तीन मैचों में 115 के मामूली स्ट्राइक रेट से 91 रन ही बनाए थी. रोहित भी शुरू में धीमी गति से बल्लेबाजी करते हैं. इसलिए धवन का इतना धीमा खेलना टीम के लिए परेशानी का सबब है. धवन अगर इस सीरीज में भी इसी तरह धीमी गति से रन बनाते रहे तो उन्हें टीम से बाहर भी होना पड़ सकता है.

ऋषभ पंत

भारतीय टीम महेंद्र सिंह धोनी के विकल्प की तलाश में है. टीम मैनजमेंट कीकोशिश है कि अगले साल होने वालेटी-20 विश्व कप से पहले वो धोनी के रिप्लेसमेंट की खोज पूरी कर लें. इस बात को ध्यान में रखते हुए युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को भरपूर मौके दिए गए. टेस्ट, टी-20 और वनडे तीनों फॉर्मेट में पंत टीम मैनेजमेंट की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे.

बांग्लादेश के खिलाफ पिछले टी-20 सीरीज में खेले तीन मैचों में नंबर पांच पर बल्लेबाजी करते हुए पंत ने 35 गेंदों में मात्र 33 रन बनाए हैं। पंत ने अब तक खेले 23 टी-20 इंटरनेशनल मैच में 19 की मामूली औसत से 358 रन बनाए हैं जिनमें उनका स्ट्राइक रेट 118 का रहा है.

पंत को टीम उस वक्त इतने अवसर मिल रहे, जिस समय कई विकेटकीपर बल्लेबाज टीम इंडिया में अपनी जगह बनाने के लिए दावेदारी ठोक कर रहे हैं. इसी कारण यदि पंत इस सीरीज में भी रन बनाने में असफल होते हैं तो उनका भारत के लिए 2020 के टी20 विश्वकप में खेलने का सपना टूट सकता है.