राकांपा प्रमुख शरद पवार ने लोकसभा चुनाव में पराजय के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से सीख लेने की बात कही.
पवार गुरुवार को पिम्परी-चिंचवाड़ इलाके में राकांपा कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा, “मैं यह नहीं कहता कि हमें संघ कार्यकर्ताओं की हर बात का पालन करना है, लेकिन हम मतदाताओं से मिलते वक्त उनके दृढ़ निश्चय व दृढ़ता से बहुत कुछ सीख सकते हैं.‘
पवार ने बोला कि लोकसभा चुनाव के नतीजों से कार्यकर्ताओं को निराश नहीं होना चाहिए. अब अक्टूबर-नवंबर में होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटना चाहिए.उन्होंने बताया कि हमारे कार्यकर्ता किसी के घर जाते हैं व अगर वहां कोई न मिले तो पार्टी का पंपलेट दरवाजे पर डालकर चले आते हैं. लेकिन बीजेपी का प्रचार करने वाले संघ के कार्यकर्ताओं को अगर प्रातः काल घर बंद मिले तो वे शाम को दोबारा लोगों से मिलने जाते हैं. वे तब तक उस घर का दौरा करते हैं, जब तक कि परिवार के हाथों में खुद पंपलेट सौंपकर न आएं. हमारी प्रयास भी क्षेत्र के हर वोटर तक पहुंचने की होनी चाहिए.
पवार ने केदारनाथ भ्रमण को लेकर मोदी पर तंज कसा
राकांपा प्रमुख ने लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी के केदारनाथ भ्रमण व वहां की एक गुफा में ध्यान लगाने पर तंज कसा. उन्होंने बोला कि हमें देखना चाहिए कि संसार किस ओर बढ़ रही है, विज्ञान कहां पहुंच रहा है व हमारे पीएम किसी गुफा में ध्यान लगानेबैठ गए.
मोदी के शपथ समारोह में नहीं जाने की वजह बताई
30 मई को राष्ट्रपति भवन में नरेन्द्र मोदी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में नहीं जाने पर उन्होंने बोला कि मुझे पांचवीं लाइन में सीट मिली थी, इसलिए नहीं गया. मेरे पास पर ‘वी’ लिखा था, दो बारजानकारी जुटाने पर बताया गया कि इसका मतलब 5वीं लाइन है. अब राष्ट्रपति भवन की ओर से बोला गया है कि ‘वी’ का मतलब वीवीआईपी था. अब चैप्टर ओवर हो चुका है.
राकांपा-कांग्रेस के सिर्फ 5 उम्मीदवार जीते
लोकसभा चुनाव में राकांपा व कांग्रेस पार्टी ने मिलकर चुनाव लड़ा था. राकांपा ने 19 सीट व कांग्रेस पार्टी ने 25 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे. इनमें से शरद पवार की पार्टी के चार वकांग्रेस पार्टी के एक उम्मीदवार को ही जीत मिली. जबकि भाजपा-शिवसेना गठबंधन को प्रदेश की 48 में से 41 सीटों पर कामयाबी मिली.