जानिए राजू श्रीवास्तव की कुछ चौकाने वाली बाते

सबसे चौकस खेलि रही आय बरसात  अईस खेल रही आय कि कौनो का खेले नाही दे रहि  परसों हरबंस मोहल वाले संकठा के घर मा पुलिस आय गयी  उई लोगे कहे लाग कहां है सीरियल किलर? 

तो संकठा की पत्नी संकठा की तरफ संकेत करि के कहिन ई बईठे हैं सीरियल किलर  कारागारलई जाव इनका  वर्ल्ड कप के चक्कर मा एक्कौ सीरियल नाही देखे दे रहा  यही आय हमरे सीरियलन का किलर  अउर भईया वर्ल्ड कप के साथै साथ गरमीऔ का जोर चरम पे आय  लेकिन दिल्ली की महिलावन के मजे आंय 

दिल्ली मा त दूसर औरत से कहिस  अये बहेन बहुत गरमी आय  चल मेट्रो मा बईठ के गुड़गांव के दुई चक्कर लगाय के आवत हैं   लेकिन गरमी मा एक्कै बात हमका बेकार लगत है कि लोग गरमी मा सादी बियाह काहे करत हैं  एक तो चिपचिपी गरमी  ऊपर से औरतन का मेकअप  पता चला गरमी मा उनका सारा मेकअप बहि रहा  सिन्दूर माथे से होय के नाक से चुई रहा है  लेकिन फिर भी कमाल आय अईस औरतन का कि एक हाथ मा लौंडे का गोदी लिए हैं  दूसर हाथ से घूंघट संभालत भये खानाऔ खाय रही हैं 

वो भी भट्टी के सामने बईठ के  पता चला रसा बहि के कोहनी तलक आय गवा  ईं खुदौ खाय रहीं अउर आपन लौंडे का भी खवाय रहीं  ये एक अलगे कमाल आय औरतन का अच्छा ई औरतन का एक अउर टैलेंट होत है  झूठ कहे का  मान लेव कौनो सूट मार्केट से खरीद के लात हैं 350 रुपये का  बतावत हैं 2350 का  अउर बात करी मरदन की तो भईया अईस भद्दर गरमी मा सूट पहिने आदमियन का देखि के उनका सैल्यूट करे का मन करत है  इनका बहादुरी पुरस्कार मिले के चाहि 

पता चला ससुराल पक्ष मा कौनो विवाह आय  तो भईया ससुराल से मिले सूट का पहिनना भी महत्वपूर्ण आय  उस आदमी केर दसा अईस होत है कि सहा भी ना जाय कुछु बोला भी ना जाय  अइसेहे एक बार हम आपन बड़े भईया के संगे उनकी ससुरारी मा एक विवाह मा गे रहन उन्नाव  भयंकर गरमी मा जइसे तइसे बरात हॉल पहुंचे तो मारे गरमी के हम सबसे पहिले पंखा ढूंढ के ओके आगे सेट हुई गयेन  तभीन बड़े भईया आय के कहिन ‘राजू जल्दी लपक के खाना खाय लेव  हलवा तो पहिलेहे खतम हुई चुका  सुना आय उधिर पलेट कम पडि रही आंय  खाना खतम पे है  खैर हम तुरंत लपक के हौंक लिहा  फिर हम हुंवा गेस्ट हाउस मा लेटे बईठे का इन्तिजाम देखेन 

अच्छा हम एक बात नोटिस किये हन कि गरमी केर विवाह मा बत्ती जरूर जात है  तो हम जइसेहे जनवासे मा जाय के लेटेन  बत्ती चली गयी  अब रोशनी गयी तो कोऊ छत पे भाग रहा तो कोऊ मैदाने तरफ  वईसेहे गरमी मा हाल बेकार हुई गवा रहै  अच्छा हम एक ठौ बात अउर नोटिस किये हन कि जब प्रातः काल बरात केर बिदाई हुई जात है  सब बाराती दहेज का सामान बस मा चढ़ाय के जइसेहे बस मा बईठत हैं  तब बत्ती आ जात है  ई बात आज तलक समझ मा नाही आई  ई बिजली चिढ़ावत है ससुरी 

अउर हिंया आपन कानपूर केसा के अफसरन का कहि  ई लोगन का जरा भी दर्द नाही कि कौनो की बहिन बिटिया की सादी आय  बस सट्ट सानी बत्ती काट देत हैं  अरे अईस ना करे के चाहि  अइसेहे टाइम पे केसा वालन खातिर मुंह से बद्दुआ निकलत है  अउर भईया एक बात बताई  गरमी के मौसम मा कौनो सादी बियाह होय तो हुंवा सोच समझ के खाव हाथ खींच के खाव  काहे से गरमी मा खाना जल्दी बेकार होत है  अगर दाल थोड़ी महकी होय तो लालच न करौ 

ई ना सोचो कि देखे मा तो ठीक लग रही है  तुरंत हाथ खींच लेव  नाही तो हैजा होय मा जादा टाइम ना लगी  अइस विवाह बियाह मा कुछ अईस लोग भी होत हैं जो हुंवा खाना वाना खाय के बाद बाल्टी अउर डोंगा भरि के दाल सब्जी उठाय लात हैं  कि प्रातः काल खइबै  गुरु अईस रिस्क ना लिहेव  नाही तो सहालग के टाइम पे हैलट अउर उर्सला मा बहुत लम्बी लम्बी लाइन लगत हैं  गरमी के टाइम अस्पताल मा उपचार खातिर स्थान ना मिलि 

इसीलिए हम कहित है कि भईया सादी करे तो सर्दी मा करे  . अउर भईया बढ़त भई गरमी के उप्पर एक बात कहब  कि जब हर कोऊ चांद से मुहब्बत करिहै तो सूरज तो जलबै करी अब सूरज खूब जलि रहा है तो झेलो !! लास्ट मा एक्कै बात कहे चाहित है  कि हमरी बात ध्यान से सुना करौ  काहे से हमरे घर में हमरी कोई सुनत नहीं है