सबसे चौकस खेलि रही आय बरसात। । अईस खेल रही आय कि कौनो का खेले नाही दे रहि। । परसों हरबंस मोहल वाले संकठा के घर मा पुलिस आय गयी। । उई लोगे कहे लाग कहां है सीरियल किलर? ।
तो संकठा की पत्नी संकठा की तरफ संकेत करि के कहिन ई बईठे हैं सीरियल किलर। । कारागारलई जाव इनका। । वर्ल्ड कप के चक्कर मा एक्कौ सीरियल नाही देखे दे रहा। । यही आय हमरे सीरियलन का किलर। । अउर भईया वर्ल्ड कप के साथै साथ गरमीऔ का जोर चरम पे आय। । लेकिन दिल्ली की महिलावन के मजे आंय। ।
दिल्ली मा त दूसर औरत से कहिस। । अये बहेन बहुत गरमी आय। । चल मेट्रो मा बईठ के गुड़गांव के दुई चक्कर लगाय के आवत हैं । । लेकिन गरमी मा एक्कै बात हमका बेकार लगत है कि लोग गरमी मा सादी बियाह काहे करत हैं। । एक तो चिपचिपी गरमी। । ऊपर से औरतन का मेकअप। । पता चला गरमी मा उनका सारा मेकअप बहि रहा। । सिन्दूर माथे से होय के नाक से चुई रहा है। । लेकिन फिर भी कमाल आय अईस औरतन का कि एक हाथ मा लौंडे का गोदी लिए हैं। । दूसर हाथ से घूंघट संभालत भये खानाऔ खाय रही हैं। ।
वो भी भट्टी के सामने बईठ के। । पता चला रसा बहि के कोहनी तलक आय गवा। । ईं खुदौ खाय रहीं अउर आपन लौंडे का भी खवाय रहीं। । ये एक अलगे कमाल आय औरतन का। ।अच्छा ई औरतन का एक अउर टैलेंट होत है। । झूठ कहे का। । मान लेव कौनो सूट मार्केट से खरीद के लात हैं 350 रुपये का। । बतावत हैं 2350 का। । अउर बात करी मरदन की तो भईया अईस भद्दर गरमी मा सूट पहिने आदमियन का देखि के उनका सैल्यूट करे का मन करत है। । इनका बहादुरी पुरस्कार मिले के चाहि। ।
पता चला ससुराल पक्ष मा कौनो विवाह आय। । तो भईया ससुराल से मिले सूट का पहिनना भी महत्वपूर्ण आय। । उस आदमी केर दसा अईस होत है कि सहा भी ना जाय कुछु बोला भी ना जाय। । अइसेहे एक बार हम आपन बड़े भईया के संगे उनकी ससुरारी मा एक विवाह मा गे रहन उन्नाव। । भयंकर गरमी मा जइसे तइसे बरात हॉल पहुंचे तो मारे गरमी के हम सबसे पहिले पंखा ढूंढ के ओके आगे सेट हुई गयेन। । तभीन बड़े भईया आय के कहिन ‘राजू जल्दी लपक के खाना खाय लेव। । हलवा तो पहिलेहे खतम हुई चुका। । सुना आय उधिर पलेट कम पडि रही आंय। । खाना खतम पे है। । खैर हम तुरंत लपक के हौंक लिहा। । फिर हम हुंवा गेस्ट हाउस मा लेटे बईठे का इन्तिजाम देखेन। ।
अच्छा हम एक बात नोटिस किये हन कि गरमी केर विवाह मा बत्ती जरूर जात है। । तो हम जइसेहे जनवासे मा जाय के लेटेन। । बत्ती चली गयी। । अब रोशनी गयी तो कोऊ छत पे भाग रहा तो कोऊ मैदाने तरफ। । वईसेहे गरमी मा हाल बेकार हुई गवा रहै। । अच्छा हम एक ठौ बात अउर नोटिस किये हन कि जब प्रातः काल बरात केर बिदाई हुई जात है। । सब बाराती दहेज का सामान बस मा चढ़ाय के जइसेहे बस मा बईठत हैं। । तब बत्ती आ जात है। । ई बात आज तलक समझ मा नाही आई। । ई बिजली चिढ़ावत है ससुरी। ।
अउर हिंया आपन कानपूर केसा के अफसरन का कहि। । ई लोगन का जरा भी दर्द नाही कि कौनो की बहिन बिटिया की सादी आय। । बस सट्ट सानी बत्ती काट देत हैं। । अरे अईस ना करे के चाहि। । अइसेहे टाइम पे केसा वालन खातिर मुंह से बद्दुआ निकलत है। । अउर भईया एक बात बताई। । गरमी के मौसम मा कौनो सादी बियाह होय तो हुंवा सोच समझ के खाव।। हाथ खींच के खाव। । काहे से गरमी मा खाना जल्दी बेकार होत है। । अगर दाल थोड़ी महकी होय तो लालच न करौ। ।
ई ना सोचो कि देखे मा तो ठीक लग रही है। । तुरंत हाथ खींच लेव। । नाही तो हैजा होय मा जादा टाइम ना लगी। । अइस विवाह बियाह मा कुछ अईस लोग भी होत हैं जो हुंवा खाना वाना खाय के बाद बाल्टी अउर डोंगा भरि के दाल सब्जी उठाय लात हैं। । कि प्रातः काल खइबै। । गुरु अईस रिस्क ना लिहेव। । नाही तो सहालग के टाइम पे हैलट अउर उर्सला मा बहुत लम्बी लम्बी लाइन लगत हैं। । गरमी के टाइम अस्पताल मा उपचार खातिर स्थान ना मिलि। ।
इसीलिए हम कहित है कि भईया सादी करे तो सर्दी मा करे। । . अउर भईया बढ़त भई गरमी के उप्पर एक बात कहब। । कि जब हर कोऊ चांद से मुहब्बत करिहै तो सूरज तो जलबै करी।। अब सूरज खूब जलि रहा है तो झेलो !! लास्ट मा एक्कै बात कहे चाहित है। । कि हमरी बात ध्यान से सुना करौ। । काहे से हमरे घर में हमरी कोई सुनत नहीं है