कपूर खानदान की फिल्मी विरासत को प्रारम्भ करने वाले पृथ्वीराज कपूर की पुण्यतिथि पर अक्सर याद आता है कि वो हिंदुस्तान के पहले पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू के कितने करीबी थे।
राज्यसभा में मनोनीत होकर संसद में कदम रखने वाले पहले बॉलीवुड एक्टर पृथ्वीराज कपूर ही थे। वो न केवल कट्टर कांग्रेसी थे, पंडित नेहरू के समर्थक व विश्वासपात्र भी थे। हालांकि इन दोनों में घनिष्टता थी लेकिन एक मौका ऐसा भी आया जब पृथ्वीराज कपूर ने पंडित जवाहर लाल नेहरू से मिलने से मना कर दिया।
वरिष्ठ पत्रकार राशिद किदवई की किताब के अनुसार पृथ्वीराज कपूर से जब पंडित नेहरू मिलना चाहते थे तो पृथ्वीराज ने ये कहते हुए मना कर दिया था की वो (पृथ्वीराज) अपनी थिएटर टीम के साथ हैं। पंडित जी इस बात का संकेत समझ गए। उन्होंने इस मना के बाद नेहरू जी ने पृथ्वी थिएटर की पूरी टीम को अपने निवास जगह पर दावत के लिए बुलाया वपृथ्वीराज भी खुशी-खुशी चले आए।
पृथ्वीराज कपूर कांग्रेस के बेहद करीब थे व कई बार राज्यसभा में सारे जोर शोर से उन्होंने पंडित नेहरू की नीतियों के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी के कार्य का समर्थन भी किया था।पृथ्वीराज कपूर के एक कज़िन के हवाले से राशिद अपनी किताब में लिखते हैं कि पंडित नेहरू को पृथ्वीराज से बहुत ज्यादा स्नेह था। उन्हें पृथ्वीराज जी के आसपास रहने से बल मिलता था।
वो बुलंद आवाज़
29 मई 1971 को इस संसार को अलविदा कह देने वाले पृथ्वीराज कपूर के एक्टिंग के साथ-साथ उनकी बुलंद आवाज़ का लोग लोहा मानते थे। हालांकि ये भी एक संयोग ही है कि अपने करियर की आरंभ उन्होनें एक साइलेंट फिल्म ‘सिनेमा गर्ल’ (1930) से की थी।
हालांकि वो कांग्रेस पार्टी के साथ नेताजी सुभाषचंद्र बोस की आज़ाद हिंद फौज का समर्थन करते थे व अक्सर नेताजी के आदर्शों की चर्चा करते रहते थे।
उनकी आखिरी फिल्म ‘कल आज व कल’ (1971) में रिलीज़ हुई थी व अगले ही वर्ष उनका देहांत हो गया था। ये भी मात्र संयोग था की जवाहर लाल नेहरू जी की मौत 27 मई 1964 में हुई व पृथ्वीराज कपूर ने 64 वर्ष की आयु में 29 मई को अपनी आखिरी सांस ली।