जानिए ब्राह्मी से शारीर को होते है ये सारे फायदे

ब्राह्मी को आयुर्वेद में मानसिक रोगों के लिए रामवाण औषधि माना गया है. यह मस्तिष्क की उत्तेजना को शांत करती है, गहरी नींद लाती है  याद्दाश्त बढ़ाती है. ब्राह्मी कई शारीरिक समस्याओं में भी लाभकारी है. यह नमी वाले स्थानों, नदी, नाले, नहरों के किनारे एवं हिमालय की तराई में तेजी से फैलने वाला मुलायम पौधा है.

ऐसे ले सकते हैं –

तनाव एवं मानसिक उत्तेजना में : ब्राह्मी 2.5 ग्राम, शंखपुष्पी 2.5 ग्राम, 5 बादाम, सौंफ 2.5 ग्राम, 15-20 गुलाब के फूल, 2-3 पिसी इलायची आदि को रात में आधे गिलास पानी में भिगो दें. प्रातः काल थोड़े दूध के साथ अच्छी तरह पीसकर, मिश्री मिलाकर 250 ग्राम ठंडे दूध में घोलकर छानकर पी लें. कुछ दिन लगातार पीने से मानसिक उत्तेजना, तनाव एवं अनिद्रा में लाभ होता है.

उच्च रक्तचाप और अनिद्रा : सोने से आधा घंटा पहले एक गिलास गुनगुने दूध में आधा चम्मच ब्राह्मी की पत्तियों का बारीक पाउडर मिलाकर पीने से गहरी नींद आती है. जिससे तनाव के साथ उच्च रक्तचाप कम हो जाता है.

त्वचा रोग : ब्राह्मी की पत्तियों को पीसकर बनाए गए लेप को फोड़े-फुंसी और एक्जिमा जैसे स्कीन रोगों में लगाने से लाभ मिलता है. साथ ही यह सफेद दाग, रक्तल्पता, पीलिया, खांसी, तलवों की जलन में भी बहुत उपयोगी है.