जानिए इस एक महीने में चार धाम की यात्रा में हुई इतने यात्रियो की मौत

41 तीर्थयात्रियों में से ज्यादातर की मृत्यु दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुई है

चार धाम की यात्रा को बहुत मुश्किल माना जाता है क्योंकि यहां मौसम भी प्रतिकूल रहता है

अधिक ऊंचाई  ठंड के कारण रक्त में ऑक्सिजन की कमी हो जाती है

डॉक्टरों ने सलाह दी है कि बुजुर्गों  बीमार लोगों को इस यात्रा से दूर रहना चाहिए

शिवानी आजाद, अभ्युदय कोटनाला/ हरिद्वार
पिछले महीने ही 7 तारीख को चार धाम की यात्रा प्रारम्भ हुई है. एक महीने में अब तक हो चुकी है. मृतकों में से 3 दिल्ली के है. ज्यादातर तीर्थयात्रियों की मृत्यु की वजह दिल का दौरा पड़ने से हुई है. ऊंची चढ़ाई की यात्रा के दौरान यात्रियों के रक्त में ऑक्सिजन की मात्रा बहुत ज्यादा कम हो जाती है  कई बार इस कारण से दिल का दौरा भी पड़ जाता है. बुधवार को ही 2 यात्रियों की मृत्यु केदारनाथ  गंगोत्री में दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुई.

इस वर्ष तीर्थयात्रियों की मृत्यु का आंकड़ा 2018 की तुलना में बहुत ज्यादा अधिक है. पिछले वर्ष पहले महीने में 27 तीर्थयात्रियों की मृत्यु हो गई थी जबकि 6 महीने तक चलनेवाली इस यात्रा में करीब 65 तीर्थयात्रियों की मृत्यु हुई थी. चार धाम की यात्रा को कठिन मौसम परिस्थितियों के कारण कठिनतम यात्रा में से एक माना जाता है.

रूद्रप्रयाग के सीएमओ चिकित्सक एस के झा ने तीर्थयात्रियों की मृत्यु पर कहा, ‘रक्त में 80 एमएम एचजी से कम की ऑक्सिजन मात्रा होने पर शरीर के कुछ हिस्सों पर बुरा असरपड़ता है. केदारनाथ की दुर्गम यात्रा  मौसम की परिस्थितियों को देखते हुए हम वरिष्ठ  बीमार नागरिकों से अपील करते हैं कि वह इस यात्रा से दूर रहें. जो बुजुर्ग नागरिक यात्रा करना चाहते हैं उन्हें अपने चिकित्सक से मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट लेना चाहिए.