इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट (ई-सिगरेट) में प्रयोग होने वाले मसाले (विशेष रूप से दालचीनी व मेंथॉल) दिल संबंधी रोगों (सीवीडी) के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। एक शोध में यह बात सामने आई है।
अनुसंधान टीम ने एंडोथेलियल कोशिकाओं पर ई-तरल पदार्थों के असर की जाँच की, जो रक्त वाहिकाओं के आंतरिक भाग को दर्शाती हैं। अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी की पत्रिका में प्रकाशित हुए अध्ययन में यह बात सामने आई कि ई-तरल पदार्थ रक्त के सम्पर्क में आने के बाद एंडोथेलियल कोशिकाएं में डीएनए को क्षति पहुंचाता है वकोशिका को मारने वाले निहित अणुओं के प्रदर्शन में बहुत ज्यादा वृद्धि करता है।
इसके लिए ई-सिगरेट उपयोगकर्ताओं के रक्त के नमूने लिए गए। शोधकर्ताओं ने कहा, निकोटीन न रहने के बाद भी मनपसंद स्वादों के लिए दालचीनी व मेंथॉल का प्रयोग किया जाता है जो बेहद हानिकारक है। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जोसेफ वू ने कहा, “यह अध्ययन साफ तौर पर दिखाता है कि ई-सिगरेट पारंपरिक सिगरेट का सुरक्षित विकल्प नहीं है। ”
अध्ययन के लिए, शोधकर्ताओं ने छह भिन्न-भिन्न लोकप्रिय ई-तरल स्वादों के असर की जाँच की, जिनमें फल, तंबाकू, कारमेल व वनिला के साथ मीठा तंबाकू, मीठा बटरस्कॉच, दालचीनी व मेंथॉल शामिल है। वू ने कहा, “जब हमने निकोटीन के भिन्न-भिन्न स्तरों के साथ ई-तरल के छह भिन्न-भिन्न स्वादों को कोशिकाओं को उजागर किया,
तो हमने जरूरी नुकसान देखा। कोशिकाएं पारंपरिक रूप में कम व्यवहार्य थीं, व उन्होंने शिथिलता के कई लक्षणों का प्रदर्शन करना प्रारम्भ कर दिया। “