जल्द खत्म होगा किसानों का आंदोलन, सरकार ने किया ये ऐलान

प्रदेश सरकार किसी भी कीमत पर यह जताना नहीं चाहती कि वह किसानों के साथ सख्ती से पेश आ रही है या उन्हें दिल्ली बॉर्डर जाने से जबरदस्ती रोकना चाहती है। लेकिन, वह यह भी नहीं चाहती कि उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में किसान इस आंदोलन में शरीक होते नजर आएं। पूरे कन्फ्यूजन की जड़ यही है और यह तभी से जमने लगी थीं .

जब प्रदेश सरकार ने पुलिस को निर्देश दिया था कि 8 दिसंबर को भारत बंद कराने वाले किसानों के साथ सख्ती न की जाए। इसके कुछ ही दिन बाद 17 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बरेली के भोजीपुरा में किसान सम्मेलन करके संदेश देने की कोशिश की थी कि सरकार किसानों के साथ है और पूरे रुहेलखंड के किसान सरकार के साथ हैं। तब किसान आंदोलन के आलोचकों को भी लगा था कि इस सम्मेलन का असर पूरे रुहेलखंड पर होगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

कृषि कानूनों को लेकर देश में किसानों का विरोध में जारी है किसानों का आंदोलन का आज 61वां दिन है. देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान पीछे हटने को तैयार नहीं है.

वहीं इस बीच 26 जनवरी को लेकर किसानों की ट्रैक्टर परेड की तैयारियां जोरों पर हैं. पंजाब, हरियाणा पश्चिमी उत्तर प्रदेश से किसान संगठनों का ट्रैक्टर के साथ राजधानी दिल्ली आने की कोशिशें जारी हैं.

वहीं महाराष्ट्र में आज मुंबई के आजाद मैदान में 15000 किसान रविवार को ही पहुंच गए थे जहां आज वो एक रैली में हिस्सा लेंगे जिसे शरद पवार महा विकास अघाड़ी के नेता संबोधित करेंगे. दोनों पक्षों के बीच अभी तक गतिरोध बना हुआ है.

दिल्ली बॉर्डर पर 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली में शामिल होने निकले किसानों को रोकना है या उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से जाने देना है, इस सवाल पर यूपी पुलिस के अफसर सिर धुन रहे हैं। वह कभी किसान नेताओं को हिरासत में लेते हैं तो कभी रिहा करके उन्हें आश्वासन देते हैं कि किसानों को रैली में शामिल होने से नहीं रोका जाएगा। फिर अपना वादा तोड़कर किसानों को रास्ते में ही रोक लेते हैं।

नाराज किसान हाईवे जाम करते हैं तो अफसर उन्हें मनाने पहुंच जाते हैं और फिर पुलिस ही किसानों के जत्थों को दूसरे जिले की सीमा तक छोड़कर आती है। रुहेलखंड और आसपास के जिलों से आने वाली इन खबरों से तो ऐसा ही लग रहा है कि यूपी पुलिस किसानों के इस बड़े आंदोलन पर सचमुच कन्फ्यूजन में है।

वह किसानों को रोकना तो चाहती है मगर रोक नहीं पा रही। सच यह है कि लाख कोशिश के बावजूद यूपी पुलिस पीलीभीत, शाहजहांपुर और लखीमपुर खीरी के किसानों को रोकने में नाकाम रही है।