तहत आज (13 अक्टूबर) को मतदान हो रहा है। शनिवार प्रातः काल से ही जम्मू-कश्मीर के मतदान केंद्रों में मतदाताओं के पहुंचने का सिलसिला प्रारम्भ हो गया है। कश्मीर में नगर निकाय चुनाव के तीसरे चरण के लिए प्रशासन ने पूरे प्रबंध किए हैं। लेकिन ज्यादातर वार्ड अलगाववादियों के वर्चस्व वाले एरिया व दक्षिण कश्मीर में पड़ने के कारण घाटी में निम्न वोटिंग में किसी परिवर्तन के संभावना कम हैं। अब राज्य में चौथे चरण का मतदान 16 अक्टूबर को होगा।
घाटी में शनिवार को जिन 44 वार्डों में चुनाव हो रहे हैं। उनमें 20 शहर के व्यावसायिक एरिया में हैं। घाटी में 1989 में आतंकवाद के सिर उठाने के बाद से वहां मतदान का फीसदीआमतौर पर कम रहा है। उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में उरी के 13 वार्डों में मतदान का फीसदी ऊंचा रहने की आसार है जहां पारंपरिक रुप से उच्च मतदान होता रहा है।अनंतनाग में मट्टन एरिया के वार्डों में ऐसा ही रूख नजर आ सकता है जहां कश्मीरी प्रवासियों की अच्छी खासी संख्या है।
वैसे तो राज्य में तीसरे चरण में 207 वार्डों में चुनाव का प्रोग्राम है लेकिन 100 वार्डों में ही मतदान होगा। उनमें 56 जम्मू के सांबा जिले में व घाटी में 44 वार्ड हैं। शहरी लोकल निकाय चुनाव के दूसरे चरण में 1.26 लाख मतदाताओं वाले जम्मू में मतदान फीसदी 80 फीसदी रहा, जबकि 2.20 लाख मतदाताओं वाले कश्मीर में मतदान कम हुआ। यहां केवल 3.4 फीसदी ही मत पड़े।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य में दूसरे चरण में, 3.47 लाख मतदाता, कुल 31.3 फीसदी मतदान हुआ। उन्होंने बताया कि पहले चरण में भी कश्मीर में केवल 8.3 फीसदी मतदान हुआ था जबकि जम्मू व लद्दाख एरिया में 65 फीसदी मत पड़े थे। अधिकारियों ने बताया कि 19 वार्ड वाले श्रीनगर नगर निगम, यहां कुल 1.78 लाख मतदाता हैं, में केवल 2.3 फीसदी मत ही पड़े। जबकि 8,300 मतदाताओं वाले बांदीपोरा में 34.2 फीसदी मतदान हुआ।
उन्होंने बताया कि उत्तर कश्मीर के सोपोर व दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में क्रमश: 6.1 फीसदी व 1.1 फीसदी मतदान हुआ। बता दें कि राज्य में लोकल निकाय चुनाव आतंकवादियोंकी धमकी व राज्य की दो बड़ी पार्टियों, नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) व पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), के चुनाव बहिष्कार के बीच हो रहे हैं।
दोनों दलों ने उच्चतम कोर्ट में संविधान के अनुच्छेद 35ए को कानूनी चुनौती देने के विरोध में चुनावों का बहिष्कार किया है। गवर्नमेंट ने चुनाव के लिए निर्वाचन क्षेत्रों में छुट्टी की घोषणा की है ताकि मतदाता वोट डाल सकें।