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राजनाथ ने आगे कहा ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग भाजपा को इसमें खींचने की कोशिश कर रहे हैं। गौरतलब है कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख मेहबूबा मुफ्ती और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस लीडर सज्जाद लोन दोनों के एक नई सरकार बनाने के दावों के बाद राज्यपाल मलिक ने बुधवार की देर रात राज्य विधानसभा को भंग कर दी थी। मुफ्ती ने कहा था कि उन्हें पीडीपी, एनसी और कांग्रेस का समर्थन हासिल है।
बता दें कि जम्मू कश्मीर में तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच बुधवार को गवर्नर सत्यपाल मलिक ने आनन फानन में विधानसभा भंग कर दी। इस आदेश के बाद नई सरकार के गठन की अटकलों और प्रयासों पर विराम लग गया। 19 दिसम्बर को राज्यपाल शासन समाप्त हो रहा है। उसके बाद राष्ट्रपति शासन लागू होना लगभग तय है। समझा जाता है कि लोकसभा चुनाव के साथ जम्मू कश्मीर विधानसभा के चुनाव कराए जा सकते हैं। इससे पहले महागठबंधन और सज्जाद लोन के नेतृत्व में भाजपा द्वारा सरकार बनाने की कोशिशें तेज हुईं थीं। अब इन सारी कोशिशों पर विराम लग गया है।
दिनभर सियासी सरगर्मी तेज रही। शाम को पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया। इस दावे के तुरंत बाद बाद पीडीपी में बगावत हुई और इमरान अंसारी के नेतृत्व में बागी गुट ने 18 विधायक साथ होने का दावा किया। उधर पीपुल्स कांफ्रेंस के नेता सज्जाद लोन ने भी राजभवन को पत्र देकर सरकार बनाने का का दावा किया। लोन ने दावा किया कि उन्हें बहुमत हासिल है। इन दावों से रियासत में गहमागहमी बढ़ गई। इन दावों के पहले ही गवर्नर बुधवार को अचानक दिल्ली रवाना हो गए थे। पीडीपी नेता महबूबा का वीरवार को दिल्ली में सोनिया गांधी से मिलने का कार्यक्रम तय था।