यौन उत्पीड़न के मामले में उठाया गया यह कदम

आश्रय व बाल सुधार गृहों (सीसीआई) में यौन उत्पीड़न के मामले प्रकाश में आने के बाद हुई जांच में कई तरह की अनियमितताओं के चलते यह कदम उठाया गया है।

डब्ल्यूसीडी मंत्रालय ने जांच के बाद की कार्रवाई
बिहार के मुजफ्फरपुर में अगस्त में एक आश्रय स्थल पर गंभीर अनियमितताओं और 34 नाबालिगों के साथ कथित दुष्कर्म के मामला प्रकाश में आया था। इसके बाद यूपी के देवरिया में भी इसी तरह की घटना हुई थी। जिसके बाद जिलाधिकारियों को देश भर के सीसीआई केंद्रों की जांच के बाद रिपोर्ट देने को कहा था।

अनियमितताओं और पंजीकरण न होने के कारण हुये बंद     
इस रिपोर्ट के आधार पर सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में 377 आंध्र प्रदेश में 78 और तेलंगाना में 32 आश्रय स्थल बंद कराये गए हैं। निरीक्षण के बाद पाया गया कि यह आश्रय स्थल सीसीआई के नियमों और तय मानकों का पालन नहीं कर रहे थे। कई तो पंजीकृत ही नहीं थे। प्रबंधन को लेकर  प्रशासन को कोई जानकारी नहीं थी। गृहों में सुधार कमेटी थी ही नहीं ।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बंद किये गये गृहों के बच्चों को सुरक्षित रूप से अन्य संस्थानों में स्थानांतरित कर दिया गया है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने सभी सीसीआई की सामाजिक लेखा परीक्षा के लिए राष्ट्रीय बाल संरक्षण परिषद एनसीपीसीआर को निर्देशित किया था। यह भी कहा गया था कि अनियंत्रित संस्थान दो महीने में पंजीकृत हो।