चीफ जस्टिस ने अध्यक्षता पर पांच सदस्यीय संविधान बेंच पर प्रतिदिन सुनवाई…

उच्चतम न्यायालय में अयोध्‍या धरती टकराव मुद्दे में गुरुवार को दसवें दिन सुनवाइ प्रारम्भ हो गई है. वरिष्ठ एडवोकेट रंजीत कुमार ने बहस प्रारम्भ की है. गोपाल सिंह विशारद की ओर से मुद्दे में पक्ष रखा जाएगा. बता दें कि विशारद की याचिका में बोला गया है कि रामलला की पूजा अर्चना का अबाधित अधिकार मिले. विशारद की ओर से 1950 में मुक़दमा दाखिल किया गया था. इनका मुक़दमा सूट नंबर एक है

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ अयोध्या धरती टकराव पर सुनवाई कर रही है

बता दें कि बुधवार को हुई सुनवाई में रामलला विराजमान के एडवोकेट सीएस वैद्यनाथन (CS Vaidyanathan) ने कानून का हवाला देकर भगवान को नाबालिग बताया था  बोलाथा कि नाबालिग की संपत्ति नहीं छीनी जा सकती है  न कब्‍जे का दावा किया जा सकता है.

सुप्रीम न्यायालय की ओर से सोमवार से शुक्रवार तक हर दिन सुनवाई करने का निर्णय किया था. पांच दिन सुनवाई की बात पर मुस्लिम पक्ष के एडवोकेट राजीव धवन ने असहमतिजताई थी, जिसे शीर्ष आदलत ने नकार दिया था. सनद रहे कि अयोध्या मुद्दे में मध्यस्थता की प्रयास नाकाम होने पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान बेंच ने प्रतिदिन सुनवाई का निर्णय किया है. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 2010 में राम जन्मभूमि को तीन बराबर हिस्सों में बांटने का आदेश दिया था. इसमें एक भागभगवान रामलला विराजमान, दूसरा निर्मोही अखाड़ा और तीसरा भाग सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को देने का आदेश था.