चीन पहुची WHO की टीम , नज़ारा देख उड़े होश

डब्ल्यूएचओ ने गुरुवार को ट्विटर पर कहा था कि टीम अस्पतालों और हुनान सीफूड मार्केट, वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी एवं वुहान सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल की प्रयोगशालाओं जैसे उन स्थानों पर भी जाएगी जो कोरोना वायरस के पहले-पहल मामलों से संबंधित हैं. हालांकि वैज्ञानिकों के केवल एक दौरे से वायरस की उत्पत्ति के बारे में कुछ भी पता लगाना कठिन है.

यह टीम आने वाले दिनों में वुहान में कई स्थानों का दौरा करेगी. डब्ल्यूएचओ की टीम में पशु स्वास्थ्य, विषाणु विज्ञान, खाद्य सुरक्षा एवं महामारी विशेषज्ञ शामिल हैं.

चीन के मुताबिक, कोरोना वायरस संक्रमण के पहले मरीज का इलाज ‘हुबेई इंटिग्रेटेड चाइनीज एंड वेस्टर्न मेडिसीन हॉस्पिटल’ में हुआ था. यहां कोविड-19 का पहला मामला 27 दिसंबर 2019 को सामने आया था.

जिनयांतन अस्पताल शहर के उन चुनिंदा अस्पतालों में से एक है, जहां 2020 की शुरुआत में अज्ञात वायरस से पीड़ित लोगों का इलाज किया गया था.

टीम ने शुक्रवार को चीन के वैज्ञानिकों के साथ मुलाकात की थी और वुहान के उस अस्पताल का दौरा किया था, जहां चीन के मुताबिक एक साल पहले कोविड-19 के पहले मरीज का इलाज हुआ था.

अमेरिका ने तो कोविड-19 को साफ शब्दों में चीनी वायरस कहा था. वायरस की उत्पत्ति की जांच करने हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) की टीम वुहान पहुंची है.

शनिवार को टीम अपने दूसरे कार्यदिवस पर वुहान के एक अन्य अस्पताल में पहुंची, जहां महामारी की शुरुआत में कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज किया गया था.

दुनियाभर के देश अब भी कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) का सामना कर रहे हैं. ये बीमारी साल 2019 के आखिर में चीन (China) के वुहान शहर में शुरू हुई थी और धीरे-धीरे दुनिया के बाकी देशों में फैलती चली गई.

चीन पर ऐसे आरोप लगते हैं कि उसने सही वक्त पर वायरस की जानकारी नहीं दी और ना ही अपने देश के लोगों को अन्य देशों की यात्रा करने से रोका.