चीन पर इस देश ने किया हमला , निपटने के लिए तेजी से दागी मिसाइल…

वैश्विक स्‍तर पर बहुत तेजी से बदलाव आया है। मानवाधिकार, साइबर सुरक्षा, आर्थिक स्थिरता और वैश्विक राजनीति में काफी तेजी से बदल रहे हैं।

वैश्विक स्‍तर पर नई चुनौतियां सामने आ रही हैं। ऐसे में दोनों पक्षों के बीच यह संवाद इन चुनौतियों से निपटने के लिए काफी उपयोगी सिद्ध होगा। अमेरिका और ताइवान इन चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर काम करने को राजी हैं।

बता दें कि सितंबर में चीन ने अमेरिका को चेतावनी दी थी अगर उसने ताइवान से अपनी आगामी वार्ता रद्द नहीं कि तो दोनों देशों के बीच संबंधों को काफी नुकसान होगा। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता वांग वेनबिन ने कहा था कि अमेरिका को ताइवान के साथ आधिकारिक बातचीत बंद करना चाह‍िए।

उन्होंने कहा कि था कि वाशिंगटन को ताइवान अलगाववादी ताकतों को कोई भ्रामक संकेत नहीं भेजना चाहिए। इस दौरान वाशिंगटन में ताइवान के आधिकारिक प्रतिनिधि हासियाओ बी खीम ने अपने एक बयान में कहा कि वैश्विक चुनौतियों के मद्देनजर अमेरिका और ताइवान के बीच यह करार काफी अहम है।

हांगकांग और ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन के बीच टकराव चरम पर है। इस बीच ड्रैगन के सख्त विरोध के बावजूद शुक्रवार को वाशिंगटन में ताइवान ने अमेरिका के साथ आर्थिक संबंधों के ब्‍लूप्र‍िंट पर दस्‍तखत किए।

इससे अमेरिका और ताइवान के बीच संबंधों को लेकर एक नया अध्याय शुरू हो गया। दोनों देशों के बीच इस नए करार से व्‍हाइट हाउस और बीजिंग के साथ संबंध और तल्‍ख हो सकते हैं।