चीन को इस देश ने दिया चकमा, 74 साल बाद किया इस हथियार का इस्तेमाल , मगर…

चीन की सरकार ने हांगकांग में दमनकारी नीतियां लागू करते हुए विरोध की आवाज को दबाने के लिए विवादित राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू कर दिया है। जुलाई में इस कानून को लागू किए जाने के बाद कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और नेताओं की गिरफ्तारी की जा चुकी है। अमेरिका सहित दुनिया के कई देशों के विरोध के बावजूद अभी तक इस कानून को वापस नहीं लिया गया है।

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल 5 अक्टूबर को हुए प्रदर्शन के सिलसिले में 74 साल के सामाजिक कार्यकर्ता कू से ईयू को भी गिरफ्तार किया गया है। हांगकांग पुलिस ने भी इन दोनों गिरफ्तारियां की पुष्टि की है।

पिछले साल लोकतंत्र समर्थक आंदोलनकारियों ने चेहरे पर मास्क लगाकर सरकार के प्रति गुस्सा जताया था। इसके बाद हांगकांग प्रशासन की ओर से मास्क पहनकर प्रदर्शन करने पर रोक लगा दी गई थी। इसके उल्लंघन पर एक साल की सजा का प्रावधान किया गया है। वोंग की गिरफ्तारी जिस मामले में हुई है, उसमें उन्हें 5 साल की सजा हो सकती है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वोंग की गिरफ्तारी उस समय हुई जब वे एक पुराने मुकदमे के सिलसिले में पुलिस स्टेशन गए थे। पिछले साल 5 अक्टूबर को सरकार विरोधी प्रदर्शनों में हिस्सा लेने के कारण वोंग को वहीं गिरफ्तार कर लिया गया।

वोंग के अलावा 74 वर्षीय एक सामाजिक कार्यकर्ता को भी इन प्रदर्शनों में हिस्सा लेने के लिए सलाखों के पीछे भेज दिया गया है। हांगकांग के अलावा ताइवान में भी चीन लगातार शरारत कर रहा है। चीन की ओर से लगातार तीसरे दिन ताइवान में टोही विमान भेजे गए मगर ताइवान के गश्ती विमानों ने उन्हें खदेड़ दिया।

चीन ने हांगकांग में दमनकारी नीतियों पर अमल शुरू कर दिया है। चीनी सरकार के इशारे पर हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक आंदोलन का प्रमुख चेहरा माने जाने वाले जोशुआ वोंग को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी पिछले साल अक्टूबर में हुए प्रदर्शनों के सिलसिले में की गई है।