चीन की हरकतों से नाराज हुआ WHO, करने जा रही वैज्ञानिकों की टीम…

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी उस समय आरोप लगाए थे कि चीन ने इस वायरस को अपनी वुहान की लैब में मनाया है। उन्होंने अमेरिकी जांच एजेंसियों के हवाले से कहा है कि चीन ने ऐसा पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए किया है।

 

वह इससे पहले भी लगातार ऐसा ही करता रहा है। अमेरिका ने तो यहां तक आरोप लगाए थे कि चीन ऐसा करके अमेरिकी लोगों को परेशान करना चाहता है ताकि वह दुनिया में खुद को शक्तिशाली दिखा सके।

चीन ने अमेरिका समेत दुनियाभर के इन दावों को खारिज कर दिया गया उसने इन सब अफवाहों को खत्म करने के लिए किसी भी विदेशी जांच दल को चीन में नहीं आने दिया। बल्कि उसके चीन का दावा किया कि यह वायरस उसके यहां समुंद्री जीव के सहारे आया है। उसके बाद पूरी दुनिया में फैला है।

बता दें स्वास्थ्य विभाग की टीम वुहान के दौरे पर जाना चाहती थी। वुहान चीन का वह शहर था जहां से कोरोना का पहला केस सामने आया था। डब्लूएचओ की टीम वहां जाकर पता लगाना चाहती है। कि कैसे कोरोना वायरस की उत्पत्ति हुई थी।

चीन लगातार इस तरह के किसी भी जांच दल का विरोध करता रहा है। इससे पहले यूरोप के कई देशों ने भी कोरोना की शुरुआत में चीन पर आरोप लगाए थे कि यह वायरस उसने लैब में बनाया है। वह सच्चाई का पता लगाने के लिए जांच करना चाहते हैं मगर चीन ने ऐसी किसी जांच से मना कर दिया।

जिनेवा की एक प्रेस कांफ्रेंस में एक डब्लूएचओ प्रमुख ने कहा है कि हमे अभी इस बात की जानकारी मिली है कि चीनी अधिकारियों में कोविड की जांच करने वाली डब्लूएचओ की टीम को अभी तक मंजूरी नहीं दी है।

यह अत्यंत दुखी करने वाली बात है। वह कहते हैं कि वह इस खबर से बहुत निराश हैं। वह कहते हैं कि हमारे वैज्ञानिकों की टीम इस बात का पता लगाना चाहती है कि यह वायरस चीन में कैसे जन्मा।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख ने चीन के कोरोना वायरस के प्रति रवैए को लेकर नाराजगी जताई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने कहा है कि डब्लूएचओ ने चीन की ओर कोरोना वायरस (Coronavirus) की उत्पत्ति की जांच करने वाली टीम भेजी थी। जिसे अभी तक अनुमति नहीं दी गई है। वह कहते हैं डब्लूएचओ जांच करना चाहता है कि चीन में यह वायरस कहां से आया।