चीन की जनसंख्या को लेकर सामने आया ये बड़ा सच, 86 प्रतिशत लोग इस्तेमाल करते है…

चीन की आबादी करीब 140 करोड़ है लेकिन इस लिहाज से यहां सरनेम काफी कम हैं. चीन के लोक सुरक्षा मंत्रालय के दस्तावेजों की मानें तो तकरीबन 6000 सरनेम ही इस्तेमाल में हैं.

 

जबकि 86% आबादी के बीच सिर्फ 100 सरनेम ही लोकप्रिय हैं. भारत या अमेरिका जैसे बड़े देश में कई तरह की संस्कृतियां पाई जाती हैं, जबकि चीन में नस्ल या समुदायों के हिसाब से विविधता बहुत कम है.

जानकारों के मुताबिक कोई भी अतिरिक्त अक्षर जोड़ या घटाकर कोई नया सरनेम बना लेना चीनी भाषा में अंग्रेज़ी जैसी आसान बात नहीं है. वहीं कुछ का मानना है कि चीन में कई लोगों ने अपने पुराने सरनेम छोड़कर नए इसलिए भी अपनाए हैं .

ताकि डिजिटल दुनिया में वो पीछे न छूटें. इस आधार पर चीन के कंप्यूटर सिस्टम में चीनी भाषा के जो तरीके हैं, उनके हिसाब से भाषा में फेरबदल करके नाम रजिस्टर नहीं हो पाते हैं.

चीन में सरनेम का मामला समझने के लिए सबसे पहले भारत से चीन की तुलना करते हैं. भारत और चीन जनसंख्या के मामले में एक दूसरे से ज्यादा दूर नहीं है. सरनेम के मामले में भारत चीन से बहुत आगे है.

2010 की जनगणना को देखें तो भारत में सरनेम का कोई आंकड़ा नहीं है लेकिन अनुमानों की मानें तो करोड़ों सरनेम इस्तेमाल में हैं, जिनमें लाखों की संख्या में प्रचलित तौर पर हैं.

दूसरी तरफ, अमेरिका की आबादी चीन के मुकाबले कई ज्यादा है. 2010 की जनगणना में अमेरिका में 63 लाख सरनेम के इस्तेमाल की पुष्टि की गई थी. इनमें से कई ऐसे मामले देखें गए जहां कोई सरनेम किसी एक शख्स का ही था, यानी यूनिक सरनेम काफी हैं.

गणित में जिसे ‘प्रोबैबिलिटी का सिद्धांत’ (Theory of Probability) कहते हैं, उसके मुताबिक यह दावा बिलकुल सही साबित होता है. ये पांच सरनेम चीन की 30% आबादी (Population of China) के हैं यानी 43.3 करोड़ लोगों के सरनेम यही पांच होते हैं लेकिन इतना हंगामा क्यों हो रहा है.? आखिर क्या वजह है कि चीन में सिमित सरनेम का इस्तेमाल किया जा रहा है.?

चीन के लोक सुरक्षा मंत्रालय की ओर से एक अजीब आंकड़े का खुलासा किया गया है. बताया जा रहा है कि चीन की जनसंख्या का 86 प्रतिशत सिर्फ 100 सरनेम का इस्तेमाल करता है.

चीन में अगर आप किसी राह चलते को अचानक रोककर उसका सरनेम पूछें तो बहुत हद तक मुमकिन है कि वो वांग, ली, झांग, लिउ या चेन सरनेम ही बताएगा.