चीन का खेल खत्म करेगा ये देश, तैयार की मिसाइले

सूत्रों के मुताबिक, डीआरडीओ 10,500 करोड़ के प्रोजेक्ट के तहत AEW&C ब्लॉक 2 एयरक्राफ्ट का विकास करेगा। इसके लिए एअर इंडिया से 6 एयरक्राफ्ट अधिग्रहित किए जाएंगे और उन्हें रडार के साथ उड़ान भरने के लिए मोडिफाइड किया जाएगा। इन विमानों के जरिये सशस्त्र बलों को 360 डिग्री सर्विलांस क्षमता विकसित करने में मदद मिलेगी।

डीआरडीओ एयर इंडिया के 6 विमानों को अधिग्रहित करके इसे यूरोपियन कंपनी के पास भेजेगा। वहां सुधार के बाद इन विमानों में रडार स्थापित किए जाएंगे।

डीआरडीओ बॉर्डर पर सर्विलांस की क्षमता को अधिक मजबूत बनाने के लिए 6 नए एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल प्लेन (अवॉक्स) का निर्माण करेगा। इसके लिए एअर इंडिया के 6 नए एयरक्राफ्ट उपयोग में लिए जाएंगे। बता दें कि इन सर्विलांस एयरक्राफ्ट के जरिये वायुसेना की सर्विलांस क्षमता में इजाफा होगा।

दरअसल, भारत के दो पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान देश से सटी सीमाओं पर लगातार आक्रामक तेवर दिखाते हुए भारतीय क्षेत्रों में घुसने की कोशिश में रहते हैं। ऐसे में सेना बॉर्डर की निगरानी के लिए मुस्तैद तो रहती है लेकिन सीमा पार से पड़ोसी मुल्क की गतिविधियों से अनजान रहती है। ऐसे में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने खास तरह के विमानों को विकसित करने का फैसला लिया है।

साल 2020 में जब से लद्दाख में एलएसी पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच ठनाठनी हुई और दोनों देश सीमा पर एक दूसरे के आमने सामने आ गए, तब से भारतीय सेना को मजबूत करने के लिए कई दमदार हथियार, मिसाइल, टैंक, युद्धपोत और एयरक्राफ्ट तैयार हो रहे हैं। इसी कड़ी में देश का रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन अब ऐसे विमान बनाने की तैयारी में है, जो सीमा पर दुश्मनों पर नजर रखने और वायुसेना की सर्विलांस क्षमता बढ़ाने का काम करेंगे।