किसानों ने सरकार को दी ये बड़ी चतावनी, सड़को पर शुरू किया…

भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने बिना किसी इंतजार किए चिल्ला बॉर्डर पर सड़क के बीचों-बीच ट्रैक्टर रख कर और खुद बैठकर एक बार फिर सड़क को ब्लॉक कर दिया, जिसके चलते जो आम लोगों को सहूलियत मिली थी, अभी एक बार फिर से उन पर मुसीबत टूट पड़ी.

 

भारतीय किसान यूनियन (भानु) के किसानों का कहना था कि उन्होंने पहले प्रशासन की बात मान ली थी और प्रशासन को उनकी मांगें पूरी करने के लिए कुछ समय दिया था. लेकिन ना तो प्रशासन ने अब तक उनकी मांगे सुनी हैं और साथ ही उनके किसान साथियों का उत्पीड़न हो रहा है. सीमाओं पर उन्हें रोका जा रहा है, उनको नज़रबंद किया जा रहा है. इन बातों से किसान आक्रोश में थे.

आज एक बार फिर से किसान यूनियन (भानू) ने चिल्ला बॉर्डर को पूरी तरह बंद कर दिया. इससे पहले बीते रोज़ यानी मंगलवार को यूपी गेट पर मौजूद किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने आह्वान किया था कि वह आज चिल्ला बॉर्डर सील करेंगे.

उन्होंने यह जानकारी दी थी कि राज्यों की सरकारें और पुलिस उनके साथी किसानों का उत्पीड़न कर रही है. किसानों को नजरबंद किया जा रहा है और हिरासत में लिया जा रहा है.

इस वजह से उन्होंने यह चेतावनी दी थी की वो आज चिल्ला बॉर्डर को सील करेंगे. लेकिन इससे पहले कि वह सील कर पाते पुलिस प्रशासन ने अपनी पूरी सुरक्षा की तैयारियां कर ली थी.

एक ओर किसानों का जत्था प्रदर्शन कर रहा था वहीं, आवाजाही भी किनारे किनारे चालू थी. सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस ने जगह-जगह पर बैरिकेडिंग कर रखी है ताकी ट्रैफिक को नियंत्रित किया जा सके.

पुलिस प्रशासन में से कोई भी हादसा नहीं चाहता था. इसलिए उन्होंने धीरे-धीरे करके ही ट्रैफिक को सामान्य किया, लेकिन इससे खतरा टला नहीं था, किसान रोड के किनारे बैठे थे, नीचे उसके बावजूद भी किसी भी दुर्घटना का डर बना हुआ था, क्योंकि यह रास्ता तेज़ गति में आवाजाही करने वाली गाड़ियों का है.

दिल्ली और नोएडा को जोड़ने वाले मुख्य बॉर्डर को आज भारतीय किसान यूनियन ने एक बार फिर बंद कर दिया. राजधानी दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर्स पर किसान पिछले 21 दिन से बैठकर प्रदर्शन कर रहें हैं.

भारतीय किसान यूनियन (भानु) जहां एक ओर पिछले कई दिनों से चिल्ला बॉर्डर पर बैठा है, वहीं राकेश टिकैत का किसानों का जत्था यूपी गेट पर मौजूद है.

आज से चार दिन पहले चिल्ला बॉर्डर पर बैठकर प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने केंद्र कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी, जिसके बाद उन्होंने नोएडा से दिल्ली जाने वाला रास्ता आधा खोल दिया था.