घरों में मांगलिक कार्य करते समय जान ले ये कुछ बाते

आए दिन सभी घरों में मांगलिक कार्य होता है  हर घर में मांगलिक कार्य होने के पहले उसे शुभ बनाने के लिए जतन किए जाते हैं

ऐसे में किसी भी फंक्शन के लिए परिवार के सभी लोगों को नाते संबंधियों को निमंत्रण दिया जाता है  घर के किसी भी छोटे बड़ें कार्य के लिए निमंत्रण देने की परंपरा प्राचीन समय से ही चली आ रही है जी हाँ, वहीं निमंत्रण देने की परंपरा के साथ ही इनके कुछ नियम और विधि भी बनाई गई है जिसका पालन करने से परम्परा का महत्व ज्यादा हो जाता है अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं मांगलिक कार्य में निमंत्रण देने के नियमो के बारे में

वहीं निमंत्रण लेटर को लिखने के पूर्व कछु विशेष बातों के बारे में बता रहे हैं जिनका ध्यान देना जरुरी है, जिससे कार्य में कोई व्यवधान ना आएं और मांगलिक कार्य में सफलता मिलेगा, जिससे आने वाला भविष्य सुखद हो जी हाँ, इसी के साथ हिन्दू धर्म के नियमों के आधार पर प्रथम पूज्य देव गणेश जी है इस कारण से किसी भी शुभ कार्य में निमंत्रण देने में सबसे पहला कार्ड भगवान गणेश जी को भिजवाना चाहिए, जिससे शुभ कार्य से विघ्न का को दूर रखा जा सकता है इसी के साथ बोला जाता है शुभ कार्य में निमंत्रण कार्ड को मुहूर्त और शुभ दिन के आधार पर दिया जाता है

वहीं शास्त्रों के अनुसार जब चन्द्रमा बली हो, तब निमंत्रण लेटर लिखें इसी के साथ ज्योतिष के आधार पर शुक्ल पक्ष की दशमी से लेकर कृष्ण पक्ष की पंचमी तक चन्द्रमा पूर्ण बली होता है  शुक्ल पक्ष की एकम से दशमी तक मध्यम बली  कृष्ण पक्ष की पंचमी से अमावस्या तक बलहीन होता है कहते हैं इस वजह से चंद्रमा की स्थिति को देखकर शुभ समय पर निमंत्रण कार्ड देना शुभ माना जाता है कहते हैं निमंत्रण लिखने के लिए बुधवार, गुरुवार  शुक्रवार को श्रेष्ठ मानते हैं  इन सभी में बुधवार को द्वितीया, सप्तमी  द्वादशी हो, गुरुवार को पंचमी, दशमी या पूर्णिमा हो, शुक्रवार को तृतीया, अष्टमी तथा त्रयोदशी हो, निमंत्रण कार्ड देने के लिए शुभ माने जाते हैं