मनी लॉन्ड्रिंग के मुद्दे में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को रॉबर्ट वाड्रा से 9वीं बार पूछताछ की. इसके लिए कांग्रेस पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी पति रॉबर्ट वाड्रा को लेकरईडी दफ्तर पहुंचीं.
प्रवर्तन निदेशालय वाड्रा से जुड़ी गैरकानूनी संपत्तियों व लैंड डील केस की जाँच कर रहा है. पूछताछ के लिए उन्हें बुधवार को समन भेजा गया था.उनसे लंदन, एनसीआर, बीकानेर समेत कई जगहों पर खरीदी गई जमीनोंके मुद्दे में पूछताछ होगी.
ईडी दफ्तर जाने से पहले वाड्रा ने फेसबुक पोस्ट में लिखा- ”जांच एजेंसियों ने अब तक मुझे 11 बारबुलाया व अब तक 70 घंटे पूछताछ कर चुकी हैं. मुझे न्यायपालिका पर भरोसा है.जब तक मुझ पर लगे आरोप गलत साबित नहीं होते हैं, जाँच में योगदान करता रहूंगा.’’ इस पोस्ट के साथ उन्होंने पूर्व पीएम पंडितजवाहरलाल नेहरू की फोटो भी लगाई.
फरवरी में वाड्रा व उनकी मां से भी पूछताछ हुई
जांच एजेंसी नेफरवरी में वाड्रा व उनकी मां को पूछताछ के लिए बुलाया था. तब भी प्रियंका गांधी उनके साथ प्रवर्तन निदेशालय दफ्तर पहुंची थीं. उन्होंने बोला था, ‘‘मैं अपने पति के साथ खड़ी हूं. अपनी मौजूदगी से साफ संदेश देना चाहती हूं.’’ जाँच अधिकारियों का दावा है कि रॉबर्ट वाड्रा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लंदन में 9 संपत्तियों के मालिक हैं.
ईडी के पास वाड्रा की अघोषित संपत्ति की डिटेल
वाड्रा पर लंदन के 12 ब्रिंस्टन स्क्वायर में 10 लाख 90 हजार पाउंड की लागत से खरीदी गई संपत्ति में पैसे खपानेका आरोप है. इस संपत्ति का मालिक वाड्रा को बताया जाता है. प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक, स्काईलाइट के कर्मचारी मनोज अरोड़ा की इस मुद्दे में जरूरी किरदार रही है. अरोड़ा के पास वाड्रा की इस अघोषित संपत्ति को लेकर पूरी जानकारी है. इसको लेकर धन एकत्र करने में भी उसने अहम किरदार निभाई.
ईडी के एडवोकेट नेकहा था- वाड्रा को मिली सुरक्षा जाँच में आड़े आ रही
मनी लॉन्ड्रिंगकेस में विशेषसीबीआई न्यायालय ने वाड्रा को 1 अप्रैल को सशर्त अग्रिम जमानत दी थी. इसमें उन्हेंबिना इजाजत देश नहींछोड़ने व जाँच में योगदान करने का आदेश दिया गया था.ईडी ने वाड्रा की जमानत रद्द करवाने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी. इस पर सुनवाई के दौरानकोर्ट ने सोमवार को वाड्रा को नोटिस जारी कर 17 जुलाई तक जवाब मांगा है. प्रवर्तन निदेशालय के एडवोकेट नेकहा था कि वाड्रा को मिली सुरक्षा जाँच में आड़े आ रही है. यह निष्पक्ष जाँच के लिए अच्छा नहीं है.