गुजरात बलात्कार: शांत पड़ी हैं फैक्ट्रियां

गुजरात में 14 महीने की मासूम के साथ एक बिहारी युवक ने दुष्कर्म किया था. इस घटना के बाद से राज्य में गैर गुजरातियों के लिए गुस्सा  नफरत फैल गई है. जिसकी वजह से उनपर ना केवल हमले हो रहे हैं बल्कि उन्हें राज्य छोड़कर जाने के लिए बोला जा रहा है. 28 सितंबर को मासूम का दादा के टी स्टॉल से एक प्रवासी मेहनतकश लोग अपहरण करके ले गया था.इसके बाद दुष्कर्म करके मिट्टी से भरे गढ्डे में छोड़ दिया था. जिसके बाद से राज्य में रहने वाले यूपी, बिहार  एमपी के लोगों को पलायन करना पड़ रहा है.
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गुजरातियों के गुस्से  उत्तर हिंदुस्तानियों पर होने वाले हमलों की वजह से अब तक 8 हजार से ज्यादा लोग पलायन कर चुके हैं. चार दिन में उत्तर हिंदुस्तानियों पर 42 से ज्यादा हमले हो चुके हैं. आक्रोश का प्रभाव मेहसाणा, साबरकांठा, अहमदाबाद, अरावली, पाटण, गांधीनगर जिलों में सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है.

पुलिस ने अब तक हिंसा में शामिल 342 लोगों को अरैस्ट किया है. सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाकर हिंसा भड़काने वाले 70 लोगों के विरूद्ध मामला दर्ज करके सात को अरैस्टकिया गया है. हिंसा प्रभावित क्षेत्रों के लिए पुलिस ने एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. गैर गुजरातियों की सुरक्षा के लिए  राज्य में राज्य रिजर्व पुलिस की 17 कंपनियों को तैनात किया गया है.

बस्तियों के साथ-साथ जिन फैक्ट्रियों में उत्तर इंडियन लोग कार्य करते हैं, उन स्थानों की भी सुरक्षा बढ़ाई गई है. वहीं 19 वर्ष के आरोपी बिहारी को इस समय हिम्मतनगर की उप-जेल में रखा गया है. साबरकांठा की बार एसोसिएशन ने घोषणा की है कि उनमें से कोई भी आरोपी का एडवोकेट बनकर न्यायालय में पेश नहीं होगा.

मजदूरों के पलायन की वजह से कई फैक्ट्रियों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. इसी बीच राज्य के गृहमंत्री प्रदीप सिंह जडेजा ने रविवार को मीटिंग बुलाकर हालातों की समीक्षा की. गवर्नमेंट चाहती है कि घटना के आरोपियों को सरलता से जमानत ना मिल पाए

हालांकि यूपी, बिहार  एमपी के लोगों के पलायन पर राज्य के डीजीपी का कहना है कि वह पलयान नहीं कर रहे हैं बल्कि त्योहार मनाने के लिए घर जा रहे हैं. उनका कहना है कि इसे पलायन कहना सही नहीं है.

कांग्रेस पार्टी विधायक  क्षत्रिय ठाकुर सेना के अल्पेश ठाकुर पर राज्य में हिंसा को बढ़ावा देने के आरोप लग रहे हैं जिसे उन्होंने झूठा बताया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘हम नहीं चाहते की राज्य में विपदा खड़ी हो,  हम ऐसी किसी भी हरकत को बढ़ावा नहीं देंगे. कल ‘गुजरात बंद’ जिन्होंने भी घोषित किया है उनसे अपील करता हूं की राज्य की मुश्किलों में बढ़ावा न करे, बंध को मोकूफ रखें.

बता दें कि गुजरात में 40 फीसदी आईएएस  आईपीएस ऑफिसर यूपी-बिहार से हैं. डीजीपी शिवानंद झा  राज्य के मुख्य सचिव जेएन सिंह भी बिहार से ही हैं. वहीं गृह सचिव ए केतिवारी उत्तर प्रदेश से हैं. राज्य में 243 आईएएस हैं, जिनमें से 48 यूपी-बिहार के हैं. इसके अतिरिक्त 167 आईपीएस अधिकारियों में से 14 उत्तर प्रदेश  18 बिहार से ताल्लकु रखते हैं.