खुले में शौच करने वालो को सरकार अब देगी ये फायदा, जानिए ऐसे…

मोदी सरकार के स्वच्छ हिंदुस्तान मिशन से भूजल प्रदूषण में कमी आई है. यह बात यूनीसेफ की एक स्टडी में सामने आई. अध्ययन के मुताबिक, खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित हो चुके गांवों के मुकाबले नॉन ओडीएफ गांवों में भूजल 12.7% ज्यादा प्रदूषित मिला. इसके अतिरिक्त मिट्टी में 1.13%, खाने-पीने की वस्तुओं में 1.48%  पीने के पानी में 2.68% ज्यादा प्रदूषणसामने आया.

विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर बुधवार को जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने स्वच्छ हिंदुस्तान मिशन (ग्रामीण) को लेकर यूनीसेफ  बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन कीरिपोर्ट रिलीज की. यूनीसेफ ने इस प्रोजेक्ट को एन्वायरमेंटल इम्पैक्ट ऑफ द स्वच्छ हिंदुस्तान मिशन ऑन वॉटर, सॉइलएंड फूड नाम दिया है. इसके तहत बिहार, बंगाल  ओडिशा में ओडीएफ  नॉन ओडीएफ गांवों से भूजल के 12-12 सैंपल लिए गए.

अब स्वच्छ पेयजल पर फोकस करेगी सरकार
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने बोला कि स्वच्छ हिंदुस्तान अभियान के तहत गांवों के खुले में शौच मुक्त होने से स्वच्छता के साथ पर्यावरण  लोगों के स्वास्थ्य में भी सुधार आया है. पिछले वर्ष हुए दुनिया स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के एक अध्ययन के मुताबिक, स्वच्छ हिंदुस्तान मिशन की वजह से तीन लाख लोगों की जान बच गई. नए मंत्रालय के तहत सरकार अब गांवों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने पर कार्य करेगी. इसके लिए घर-घर नल से जल योजना लाई जा सकती है.

देश के 5 लाख 62 हजार से ज्यादा गांव ओडीएफ घोषित
स्वच्छ हिंदुस्तान मिशन के तहत केन्द्र सरकार ने गांवों में शौचालयों का निर्माण कराया है. देश के करीब 5 लाख 62 हजार गांव खुले में शौच मुक्त हो चुके हैं. आंध्र प्रदेश, चंडीगढ़, अरुणाचल प्रदेश, असम  अंडमान निकोबार 100% ओडीएफ घोषित हो चुके हैं. जबकि बिहार, बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना  गोवा इस मुद्दे में पीछे हैं.