कोरोना की उत्पत्ति का लगाना होगा पता, वरना आ सकता है कोविड-26 और कोविड-32

इस बहस की शुरुआत एक बार फिर से तब हुई जब वॉल स्ट्रीट जर्नल ने 23 मई को अपनी एक रिपोर्ट में यह दावा किया कि कोरोना वायरस फैलने से लगभग एक महीने पहले यानी नवंबर 2019 में ही चीन की वुहान लैब के कुछ शोधकर्ता ठीक उसी तरह के लक्षणों के साथ बीमार पड़े थे, जैसे कोरोना के होते हैं.

 

रिपोर्ट में बताया गया था कि बीमार शोधकर्ताओं को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था. होटेज़ ने कहा कि वैज्ञानिकों को चीन में लंबे समय के लिए जांच करने देना चाहिए.

इस दौरान उन्हें इंसानों और जानवरों के खून के नमूने भी लेने की मंजूरी देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अमेरिका को चीन पर प्रतिबंध लगाने की धमकी देकर दबाव बनाना चाहिए, ताकि वह जांच करने दे. उन्होंने कहा, ‘हमें चीन के हुबेई प्रांत में वैज्ञानिकों, महामारीविदों, वायरलॉजिस्ट, बैट (चमगादड़) इकोलॉजिस्ट की एक टीम छह महीने या साल भर के लिए चाहिए.’

एक अन्य टीवी कार्यक्रम में टेक्सस चिल्ड्रेन हॉस्पिटल सेंटर फॉर वैक्सीन डेवलेपमेंट के सह-निदेशक पीटर होटेज़ ने कहा कि अगर यह पता नहीं लगता है कि महामारी की शुरुआत कहां से हुई, तो इससे दुनिया पर भविष्य में इस तरह के कहर की आशंका बढ़ती है.

होटेज़ ने कहा, ‘जब तक हम यह न जान लें कि कोविड-19 कहां से पनपा तब तक आगे कोविड-26 और कोविड-32 का सामना भी करना पड़ेगा.’ लगभग डेढ़ साल पहले पहली बार यह वायरस चीन के वुहान सीफूड मार्केट से फैलना शुरू हुआ था लेकिन आज तक यह पता नहीं लग सका है कि यह वायरस आखिर कहां से पनपा.

वैज्ञानिकों ने एक अनुमान दिया है कि संक्रमण संभवतः जंगली जानवरों से इंसानों तक पहुंचा है. वहीं, इस वायरस के वुहान की लैब से निकलने का दावा ट्रंप प्रशासन करता रहा था और अब बाइडेन प्रशासन भी इसी दावे पर जोर दे रहा है.

कोरोना वायरस (Coronavirus) की उत्पत्ति कहां से हुई, यह पता लगाने में मदद करने के लिए लगातार चीन (China) पर दबाव बढ़ता जा रहा है. अब अमेरिका के कुछ प्रमुख रोग विशेषज्ञों ने यह कहा है कि भविष्य में कोरोना महामारी से बचने के लिए दुनिया को इसकी उत्पत्ति स्थल का पता लगाने के लिए चीन की सरकार की ओर से सहयोग की जरूरत है.

अगर ऐसा नहीं होता है तो दुनिया को Covid-16 और Covid-32 के लिए तैयार रहना होगा. ट्रंप प्रशासन में फूड ऐंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के कमिश्नर रहे और अब फाइजर कंपनी के बोर्ड सदस्य स्कॉट गॉटलिब ने का कहना है.

चीन की वुहान लैब से कोरोना वायरस के निकलने को लेकर अब काफी जानकारियां हैं. उन्होंने एक टीवी कार्यक्रम के दौरान कहा कि चीन ने अब तक ऐसा कोई सबूत नहीं दिया है जिससे यह साबित हो कि वायरस लैब की देन नहीं है. दूसरी ओर, इसकी भी पुष्टि नहीं हुई है कि वायरस जानवरों से इंसानों में पहुंचा.