ये निर्णय उच्च स्तरीय मीटिंग में लिया गया है. इन 50 दवाओं की सूची को डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेस (डीजीएचएस) ने तैयार किया है. इन दवाईयों में 39 ऐसी हैं जो कैंसर व दुर्लभ बीमारियों के लिए प्रयोग की जाती हैं.
पीएम ऑफिस ने सेहत मंत्रालय से उन दवाओं की लिस्ट बनाने को बोला जो कैंसर व दुर्लभ बीमारियों में प्रयोग होती हैं व सूची के भीतर नहीं आतीं. ये वो दवाईयां हैं जिनका दाम नियंत्रण से बाहर है व इन्हें सस्ता करने के लिए ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है. इन बीमारियों का उपचार तो महंगा होता ही है वहीं इनकी दवाईयों के दाम भी बेहद अधिक हैं.जिसके कारण बहुत से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. खासकर गरीब लोगों को.
ऑफिसर का कहना है कि सूची सौंप दी गई है व इस बारे में आदेश जल्द जारी होगा. गवर्नमेंट ट्रेड मार्जिन यानी व्यापारिक फायदा को निर्धारिक करने के लिए ‘ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर’ के पैरा 19 का प्रयोग करेगी. जिसके तहत जनहित के लिए असाधारण परिस्थितियों का हवाला देकर मार्जिन पर नियंत्रण निर्धारित होगा. यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि कई कैंसर व दुर्लभ बीमारी की दवाओं की मूल्य बेहद अधिक है व यह मूल्य विनियमन के दायरे से भी बाहर हैं.
गवर्नमेंट द्वारा व्यापार मार्जिन में परिवर्तन कर ये दावएं सस्ती की जाएंगी. इससे थोक विक्रेताओं, वितरकों व केमिस्टों द्वारा लिए गए अत्यधिक फायदा को नियंत्रित किया जाएगा.वर्तमान में सूची में आने वाली या मूल्य-नियंत्रित दवाओं पर व्यापार मार्जिन को क्रमश 8% व 16% पर थोक विक्रेताओं व खुदरा विक्रेताओं के लिए रखा गया है. वहीं जो दवाएं सूची में नहीं आतीं उनपर कंपनियां जितना चाहे उतना व्यापार मार्जिन रख सकते हैं.