कृषि कानून को लेकर लिया गया ये बड़ा फैसला , राहुल गाने दी ये बड़ी जानकारी

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने दावा किया कि केंद्रीय कृषि कानून समाज के सभी वर्गों के खिलाफ हैं और इनके लागू होने से कुछ कंपनियां मनमाने ढंग से अनाज का दाम तय करेंगी।

 

सुरजेवाला ने शुक्रवार को पार्टी की एक डिजिटल परिचर्चा में कहा, ‘मोदी सरकार के ये काले कानून केवल किसान के खिलाफ नहीं हैं। ये काले कानून इस देश के आम जन-मानस, मध्य वर्ग, निम्न मध्य वर्ग, गरीब, मजदूर सभी वर्गों के खिलाफ हैं।’

इससे पहले कांग्रेस सांसद ने किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच दूसरे दौर की बातचीत की पृष्ठभूमि में गुरुवार को कहा कि कृषि संबंधी ‘काले कानूनों’ को पूरी तरह से रद्द करने से कम कुछ भी स्वीकार करना किसानों के साथ विश्वासघात होगा। उन्होंने ट्वीट किया, ‘काले कृषि कानूनों को पूर्ण रूप से रद्द करने से कम कुछ भी स्वीकार करना भारत और उसके किसानों के साथ विश्वासघात होगा।’

किसानों के आंदोलन में महिलाओं की भागीदारी से जुड़ी खबर का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, ‘आंदोलन में शामिल महिला किसान की शक्ति और संकल्प भी भारत के नारीवाद का एक पहलू है। कृषि कानूनों के रद्द होने तक ये डटकर मोदी सरकार के अत्याचारों का सामना कर रही हैं। अपने अधिकार की लड़ाई में उतरीं इन सभी बहनों को नमन!’

किसान प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार के मंत्रियों के बीच बैठक से पहले कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला (Randeep Singh Surjewala) ने ट्वीट किया, ‘मोदी जी, राजहठ त्यागिये, राजधर्म मानिए! अन्नदाता की सुनें, काले कानूनों को निरस्त करें। वरना, इतिहास ने कभी अहंकार को माफ नहीं किया।’

किसान प्रतिनिधियों और केंद्र के बीच नए दौर की बातचीत के बीच कांग्रेस (Congress) ने कहा कि सरकार को अपनी हठ छोड़कर केंद्रीय कृषि कानूनों (Farm Laws) को निरस्त करना चाहिए। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने आरोप लगाया कि सरकार ने इन कानूनों के माध्यम से देश के किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य और मंडियों के नहीं होने वाली स्थिति में धकेल दिया है।

राहुल गांधी ने ट्वीट कर आरोप लगाया, ‘बिहार का किसान एमएसपी-एपीएमसी के बिना बेहद मुसीबत में है और अब प्रधानमंत्री ने पूरे देश को इसी कुएं में धकेल दिया है। ऐसे में देश के अन्नदाता का साथ देना हमारा कर्तव्य है।’