कृषि कानून के खिलाफ नए साल पर किसान करने जा रहे ये काम, सरकार की बढ़ी चिंता

किसानों के आंदोलन की दो सबसे बड़ी मांगें सरकार द्वारा नहीं मानी गई हैं। MSP पर लिखित गारंटी और तीनों नए कानूनों को रद्द करने की मांग पर सरकार ने अभी कोई संकेत नहीं दिया है।

 

हालांकि सरकार ने किसानों संग अगली बैठक का भी प्रस्ताव रखा है, जिसे किसानों ने मांग लिया है। अगली बैठक 4 जनवरी को होगी, जिसमें सरकार सिर्फ नए कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव रख सकती है।

चार में से दो मुद्दों पर सहमति बनने के बाद किसानों ने 31 दिसंबर को होने वाली अपनी ट्रैक्टर रैली को स्थगित कर दिया है। किसान एकता मोर्चा ने सूचना जारी करते हुए कहा है कि ट्रैक्टर मार्च स्थगित की गई है, कैंसिल नहीं।

बैठक के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने हमारी दो मांगों को मान लिया है। बुधवार की बातचीत अच्छी रही, अब चार जनवरी को अगली वार्ता होगी। शांतिपूर्ण ढंग से किसानों का प्रदर्शन जारी रहेगा।

इस बीच केरल में गुरुवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है। इस दौरान मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की मौजूदगी में कृषि बिल के खिलाफ प्रस्ताव लाया जाएगा। कृषि बिल के मुद्दे पर एक घंटे बहस भी होगी।

कल बुधवार को विज्ञान भवन में देर शाम तक चली किसानों और सरकार की बैठक में दो शर्तों पर सहमति बनी। लेकिन एमएसपी और तीनों कृषि कानूनों की वापसी की किसानों की मांग पर सरकार राजी नहीं हुई, जिस कारण बातचीत में आंदोलन का पूरा हल नहीं निकल सका। हालांकि यह बातचीत 50 फीसदी सफल रही। पूरी सहमति न बनने के कारण किसानों ने आंदोलन आगे भी जारी रखने का ऐलान किया।

 मोदी सरकार के नये कृषि कानून को लेकर सरकार और किसान संगठनों के बीच बुधवार को हुई छठे दौर की बैठक में सभी मुद्दों पर सहमति न बन पाने के कारण दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है।

हालांकि किसानों ने आज यानि 31 दिसंबर को निकाले जाने वाली अपनी प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली को टाल दिया है। लेकिन कड़ाके की ठंड के बावजूद भी किसानों आंदोलन जारी है।