कृषि कानूनों के खिलाफ किसानो ने किया ये खतरनाक काम, भागते नजर आए लोग

केंद्र सरकार पर किसान आंदोलन को लेकर कई संगठन दबाव बना रहे है। हालांकि केंद्र सरकार किसानों से बातचीत के लिए तैयार है। किसान यूनियन अपनी मांगों को लेकर पीछे हटने को तैयार नहीं है।

 

वहीं, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा- देश का किसान मोदी सरकार के कृषि कानूनों की अहमियत समझता है। राज्यों के किसान प्रतिनिधियों ने कहा है कि पंजाब का आंदोलन राजनीति से प्रेरित है। किसी भी कीमत पर ये कानून वापस नही होने चाहिए।

उधर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘एग्रीकल्चर एक अहम सेक्टर है, इसमें विपरीत फैसले लेने का सवाल ही नहीं उठता। मौजूदा सुधार किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए किए गए हैं। किसान भाइयों से बातचीत के दरवाजे हमेशा खुले हैं।’

किसानों ने सोमवार को लोगों को हो रही परेशानी के लिए माफी मांगी। किसानों ने दिल्ली-जयपुर हाईवे पर राहगीरों को हिंदी में लिखे हुए पर्चे बांटे। पर्चों में लिखा गया- रोज जाम करना, लोगों के लिए परेशानी खड़ी करना हमारा मकसद नहीं है। हम मजबूरी में यहां बैठे हैं। हम प्रदर्शन की वजह से आपको हुई परेशानी के लिए हाथ जोड़कर माफी मांगते हैं।

तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 20वां दिन है। किसानों ने सोमवार को दिल्ली की सीमाओं पर सुबह 8 से शाम 5 बजे तक भूख हड़ताल भी की।

इस दौरान केंद्र सरकार किसानों को मनाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रही, लेकिन फिर भी किसान यूनियन अपनी मांगो पर अड़े हुए है। किसानों की मांग है की नए कृषि कानूनों को पूरी तरह से रद्द किया जाए।

इसके लिए आज दोपहर 3 बजे से किसान संगठनों के संयुक्त मोर्चा की बैठक होगी। इसमें एक हफ्ते की रणनीति पर चर्चा होगी। इस बीच, किसानों ने लोगों से परेशानी के लिए माफ़ी मांगी है।