किसान नेता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर लगाया ये बड़ा आरोप, कहा – दिन रात कर रही ये कोशिश

किसान उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम, 2020 पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता और आवश्यक वस्तुओं की मांग अधिनियम, 2020 को वापस लिया जाए और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी के लिए एक नया कानून बनाया जाए, इसको लेकर किसान नवंबर 2020 से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं।

हालांकि, टिकैत ने कहा कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा हरियाणा में टोल प्लाजा सहित विभिन्न स्थलों पर विरोध प्रदर्शन पहले की तरह जारी रहेगा।  किसानों और सरकार के बीच कई दौर की वार्ता तीन केंद्रीय कानूनों पर गतिरोध को तोड़ने में विफल रही है।

एक सरकारी पैनल ने 22 जनवरी को किसान नेताओं से मुलाकात की थी। 26 जनवरी के बाद से दोनों पक्षों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई है, जब राष्ट्रीय राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर रैली हिंसक हो गई थी।

जींद में किसानों की एक सभा को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा, “केंद्र सरकार चाहती है कि आंदोलन दिल्ली की सीमाओं से हरियाणा के जींद में ट्रांसफर हो जाए। लेकिन हम उनकी चाल को सफल नहीं होने देंगे।”  उन्होंने कहा, “वे चाहते हैं कि आंदोलन केंद्र दिल्ली की सीमाओं से हरियाणा में ट्रांसफर किया जाए। लेकिन हम दिल्ली की सीमाओं को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे।”

भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार किसानों के आंदोलन को दिल्ली की सीमा से हरियाणा के जींद तक ले जाने की कोशिश कर रही है।

इस मोदी सरकार की चाल कहने से पहले उन्होंने कहा कि किसान “किसी भी कीमत पर” दिल्ली की सीमाओं पर अपने विरोध स्थलों को नहीं छोड़ेंगे।