केंद्र द्वारा लागू कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान शनिवार सुबह सिंघु बॉर्डर पर जमा हुए और बैठक की. इसमें उन्होंने प्रदर्शन के लिए उत्तर दिल्ली में स्थान निर्धारित करने के बावजूद सीमा पर ही विरोध-प्रदर्शन जारी रखने का फैसला किया.
टिकरी बॉडर पर मौजूद किसानों का भी प्रदर्शन जारी है. हालांकि, निर्धारित स्थल पर जाने को लेकर उन्होंने जल्द फैसला करने की बात कही. एक किसान नेता ने बताया कि पंजाब से दिल्ली प्रवेश करने के प्रमुख रास्ते सिंघु बॉडर पर किसानों की बैठक में फैसला लिया गया कि वे वहां से नहीं हटेंगे और प्रदर्शन जारी रखेंगे.
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि मोदी सरकार किसानो के हित के लिये है. सरकार के आने के बाद ही किसानों के पेंशन, खेती है सिंचाई की व्यवस्था पहुंची है. मोदी सरकार ने अन्न और अन्नदाता की चिंता की है. कुछ लोग बहका रहे है बरगला रहे है, किसान भाइयों को कोई समस्या नहीं है
वहीं, क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने बताया कि वे बुराड़ी जाने के पक्ष में हैं क्योंकि उन्होंने ‘दिल्ली चलो’ का आह्वान किया था. उन्होंने आगे कहा कि इस प्रदर्शन का लक्ष्य दिल्ली पहुंचना और केंद्र सरकार पर इन तीन कृषि कानूनों को लेकर दबाव बनाना है.
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को दिल्ली में प्रवेश की इजाजत मिल गई है. किसानों को दिल्ली के बुराड़ी में मौजूद निरंकारी ग्राउंड में प्रदर्शन करने की इजाजत दी गई है, लेकिन किसानों का एक गुट इस बात पर अड़ गया है कि सरकार का कोई नुमाइंदा उनसे बॉर्डर पर आकर बात करें.
भारतीय किसान यूनियन (डकौंदा) के अध्यक्ष बूटा सिंह बर्जगिल ने बताया, ‘कई किसान नेता अब भी दिल्ली के रास्ते में हैं. हम आज बैठक करेंगे और आगे के कदमों के बारे में फैसला लेंगे.’ फिलहाल सिंघु बॉर्डर पर किसानों की मीटिंग चल रही है.
इसमें आंदोलन की आगे की रणनीति तय होगी. इस बीच कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली मार्च कर रहे किसानों से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की है. तोमर ने आंदोलनरत किसानों को 3 सिदंबर को बातचीत का प्रस्ताव दिया है.