कांग्रेस नेता शशि थरूर ने किसानों के प्रदर्शन को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और निंदा की. उन्होंने कहा कि मैंने शुरू से ही किसानों के विरोध का समर्थन किया है लेकिन मैं अराजकता की निंदा नहीं कर सकता. गणतंत्र दिवस पर कोई झंडा नहीं, पवित्र तिरंगा लाल किले के ऊपर से उड़ना चाहिए.
शिवसेना के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय राउत ने किसानों के हिसंक प्रदर्शन पर कहा कि अगर सरकार चाहती तो आज की हिंसा रोक सकती थी. दिल्ली में जो चल रहा है ऊसका समर्थन कोई नहीं कर सकता.
कोई भी हो लाल किला और तिरंगे का अपमान सहन नहीं करेंगे. लेकिन माहौल क्यूं बिगड गया? सरकार किसान विरोधी कानून रद्द क्यूं नही कर रही? क्या कोई अदृश्य हाथ राजनीति कर रहा है?
दिल्ली में किसानों के बवाल पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि हिंसा किसी समस्या का हल नहीं है. चोट किसी को भी लगे, नुकसान हमारे देश का ही होगा.
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने लिखा-लालकिला हमारे लोकतंत्र की मर्यादा का प्रतीक है,आन्दोलनकारियों को लालक़िले से दूर रहना चाहिए था. इसकी मर्यादा उल्लांघन की मैं निंदा करता हूं. यह दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है.
केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलित किसानों का दिल्ली में उग्र प्रदर्शन जारी है. दिल्ली की सीमाओं से राजधानी में प्रवेश करते ही किसानों के आंदोलन ने उग्र रूप ले लिया.
किसानों को काबू करने के लिए दिल्ली पुलिस को आंसू गैस छोड़ने के साथ ही लाठी चार्ज भी करना पड़ा. इस बीच किसानों के उग्र प्रदर्शन पर अब राजनीतिक बयानबाजी भी होने लगी है.