किसानों के खाते में पैसा न आने पर ये कहे कृषि मंत्री

केंद्रीय कृषि प्रदेश मंत्री कैलाश चौधरी ने बोला है कि अगर किसी वास्तविक किसान भाई के बैंक अकाउंट में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम का पैसा नहीं पहुंच रहा है तो इसका निवारण करवाया जाएगा

अगर किसान के खाते में पैसा पहुंचा नहीं है या फिर कोई टेक्निकल परेशानी है तो उसे हर हाल में अच्छा करवाउंगा हमारी प्रयास है कि इसका हर किसान को फायदा मिले, इसीलिए सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट मीटिंग में ही वादे के मुताबिक इस योजना का विस्तार करके 14.5 करोड़ अन्नदाताओं के लिए लागू कर दिया यह बात उन्होंने न्यूज18 हिंदी से वार्ता में कही

करीब सवा लाख किसानों के बैंक अकाउंट से 2000 रुपये की पहली किस्त वापस हुई है चौधरी ने बोला कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है   दरअसल, सरकार ‘फर्जी किसानों’ पर कठोर है वो ऐसे लोगों से यह रकम वापस ले रही है, जो इसके लिए पात्र नहीं हैं ताकि इसका पैसा ठीक किसानों तक ही पहुंचे योजना के तहत 2000 रुपये की पहली किस्त लोकसभा चुनाव से पहले आनन-फानन में भेजी गई थी, जिसकी वजह से उसका वेरीफिकेशन अच्छा से नहीं हो पाया था ऐसे में कुछ ऐसे लोगों को भी पैसा मिल गया जो इसके हकदार नहीं हैंसरकार ऐसे लोगों से बैंकों के जरिए यह रकम वापस ले रही है

ऐसे लोगों को वापस करना ही होगा पैसा!

यह बात अच्छी तरह से समझ लीजिए कि अगर आप किसान नहीं हैं  सेटिंग करके गलत ढंग से इस स्कीम का लाभ उठा रहे हैं तो हर हाल में पैसे वापस करने होंगे   सूत्रों की मानें तो अब तक करीब सवा लाख लोगों के अकाउंट में जमा कराई गई रकम सरकार ने वापस ले ली है जबकि 1.5 लाख किसानों की किस्तें उनके अकाउंट में भेजने से पहले ही रोक ली गईजबकि,  2.69 लाख किसानों के बैंक अकाउंट  खेत के मालिक के नाम के बीच अंतर पाया गया है

फरवरी में लॉंच हुई थी स्कीम

खेती-किसानी के विकास के लिए बनाई गई यह सबसे अहम योजना है नरेन्द्र मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में इसी वर्ष 24 फरवरी को इसे प्रारम्भ किया था अधिकारियों को योजना के लाभार्थियों का नंबर अधिक दिखाना था इसलिए उस वक्त अच्छा से वेरीफिकेशन नहीं किया अन्यथा गड़बड़ी तभी पकड़ी जाती खेत किसी  के नाम है  बैंक अकाउंट किसी  का भेज दिया गया जिन किसानों  के नाम  बैंक अकाउंट में मिलान नहीं हुआ उनसे पहली किस्त का पैसा वापस लिया जा रहा है

गड़बड़ी पर कैसे वापस लिया जाता है पैसा

केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने राज्यों को एक लेटर लिखकर पहले ही कह दिया था कि अगर अपात्र लोगों को फायदा मिलने की सूचना मिलती है तो उनका पैसा कैसे वापस होगा न्यूज18 हिंदी से वार्ता में योजना के सीईओ विवेक अग्रवाल ने बोला था कि इतनी बड़ी योजना है तो गड़बड़ी की आसार बनी ही रहती है अगर अपात्र लोगों के खातों में पैसा ट्रांसफर हुआ तो उसे डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) से वापस लिया जाएगा बैंक इस पैसे को अलग अकाउंट में डालेंगे  प्रदेश सरकार को वापस करेंगे प्रदेश सरकारें अपात्रों से पैसे वापस लेकर https://bharatkosh.gov.in/ में जमा कराएंगी अगली किस्त जारी होने से पहले ऐसे लोगों का नाम हटाया जाएगा

केंद्र सरकार सीधे किसान को नहीं भेजती पैसा 
इस योजना का पैसा केन्द्र सरकार के खाते से किसानों के बैंक अकाउंट में सीधे नहीं जा रहा केन्द्र सरकार राज्यों के अकाउंट में पैसा भेजती है फिर उस अकाउंट से किसानों तक पैसा पहुंचता है बैंकों को आदेश दिया गया कि वेरीफिकेशन के बिना पैसा रोक लिया जाए वेरीफिकेशन की वजह से ही दूसरी किस्त की गति धीमी है पहली किस्त 3 करोड़ से अधिक किसानों को मिली है जबकि दूसरी किस्त लगभग 2 करोड़ लोगों तक ही पहुंची है

कौन किसान हैं योजना के लिए पात्र! 

सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि जिन लोगों के नाम 1 फरवरी 2019 तक लैंड रिकॉर्ड में पाया जाएगा वही इसके हकदार होंगे यानी फायदा उन्हीं किसानों को मिल पायेगा, जिन्हें जमीन का मालिकाना हक हासिल है इस गड़बड़ी को समाप्त करने के लिए ही सरकार ने तीसरी किस्‍त जारी करने के लिए आधार बायोमेट्रिक को जरूरी कर दिया है आंकड़ों को प्रमाणित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाए जा रहे हैं

इन लोगों को नहीं मिलेगा 6000 रुपये का लाभ
भूतपूर्व या वर्तमान में संवैधानिक पद धारक, वर्तमान या पूर्व मंत्री, मेयर या जिला पंचायत अध्यक्ष, विधायक, एमएलसी, लोकसभा  राज्यसभा सांसदों को इसका लाभ नहीं मिलेगालास्ट वित्तीय साल में आयकर का भुगतान करने वाले इस फायदा से वंचित होंगे

केन्द्र या प्रदेश सरकार में ऑफिसर (मल्टी टास्किंग स्टाफ / चतुर्थ श्रेणी / समूह डी कर्मचारियों को छोड़कर) एवं 10 हजार से अधिक पेंशन पाने वाले किसानों को इसका फायदा नहीं मिलेगा पेशेवर, डॉक्टर, इंजीनियर, सीए, वकील, आर्किटेक्ट, जो कहीं खेती भी करता हो उसे इस फायदा का हकदार नहीं माना जाएगा