किसानों की बढ़ी उम्मीदें, सरकार ने जारी किया ये…., आज रात का हो रहा इंतज़ार

किसानों ने अपने शहीद भाईयों के लिए शपथ भी ली है, कि जब तक कृषि कानूनों की वापसी नहीं होगी , तब तक वे इसी तरह डटे रहेंगे। विपक्ष ने भी किसानों का साथ ना छोड़ने की ठान रखी है।

 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि किसान पिछले 39 दिनों से लगातार धरना दे रहे हैं लेकिन सरकार भी टस से मस नहीं हो रही है, सरकार को लगता है कि किसान थक जायेंगे और यह मुद्दा धीरे धीरे खत्म हो जायेगा , जो कि एक बहुत बड़ी गलतफहमी है। अब देखना यह होगा कि आज की वार्ता में सरकार क्या निश्चय करेगी।

किसानों का कहना है कि वे लगातार भरी सर्दी में अपने न्याय के हक के लिए लड़ रहे हैं , ऐसे में उन्होने केन्द्र सरकार से कानून वापसी की उम्मीद लगा रखी है। आखिरी दौर की वार्ता के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा था कि पर्यावरण अध्यादेश पर रजामंदी हो गई है. ऐसे में अब पराली जलाना जुर्म नहीं है। जिसके बाद आज के दैर की वार्ता को लेकर किसानों की उम्मीदें और बढ़ती नज़र आ रही हैं।

दरअसल, जहां एक तरफ किसान इस कानून को रद्द करने से कम पर मानने को तैयार नहीं हैं, तो वहीं सरकार भी अड़ी हुई है और अब तो ऐसा लगता है कि सरकार कानूनों को वापस न लेने का फैसला कर चुकी है। आपको बता दें कि किसानों और सरकार के बीच अब तक 5 से 6 स्तर की बात हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हो पाई है।

कृषि कानून को रद्द करने की मांग के साथ किसान पिछले 39 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। सरकार के साथ सात दौर की वार्ता हुई। जिस दौरान आखिरी दौर की वार्ता में पर्यावरण अध्यादेश पर रजामंदी हो गई थी। वहीं आज इसी मुद्दे को लेकर 2 बजे आठवें दौर की वार्ता होगी। जिसमें कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी को लेकर बात की जाएगी ।