जरकीहोली, कुमार टल्ली व दो अन्य विधायक बी नागेंद्र व उमेश जाधव कांग्रेस पार्टी विधायक दल की मीटिंग से नदारद थे. इस मीटिंग को कांग्रेस पार्टी की मजबूती साबित करने के लिए बुलाया गया था क्योंकि ऐसी खबरे थीं कि विधायक पार्टी से त्याग पत्र दे सकते हैं. जिससे कि कांग्रेस पार्टी व जनता दल सेक्युलर वाली साझेदारी गवर्नमेंट को अस्थिर किया जा सके. साझेदारी की समन्वय समिति की मीटिंग के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए सिद्धारमैया जोकि विधायक दल के मुखिया भी हैं, उन्होंने बोला कि राज्य की राजनीतिक हालातवैसी नहीं है जैसा कि मीडिया दिखा रही है. उन्होंने इस बात को सुनिश्चित किया कि राज्य गवर्नमेंट पूरी तरह से सुरक्षित है.
सिद्धारमैया ने कहा, ‘चार लोग सीएलपी की मीटिंग में नहीं आए थे. मैंने उन्हें फोन किया व नोटिस जारी किया. जिसमें से तीन ने जवाब दिया है व बोला कि वह पार्टी के प्रति वफादार हैं.उन्होंने कभी किसी बीजेपी नेता के साथ मुलाकात नहीं की व न ही वह पार्टी छोड़ने वाले हैं.‘ हालांकि विधायकों के जवाब को सार्वजनिक नहीं किया गया. लेकिन पूर्व CM के एक करीबी ने बताया कि जरकीहोली का कहना है कि वह व्यक्तिगत कारणों से व्यस्त थे व इसी वजह से मीटिंग में शामिल नहीं हो पाए.
जरकीहोली ने अपने जवाब में बोला है कि वह कांग्रेस पार्टी के साथ लंबे समय से हैं व पांच बार विधायक रह चुके हैं. लेटर में उन्होंने कहा, ‘मैं हमेशा पार्टी के प्रति वफादार रहूंगा व मेरे लिए किसी व पार्टी के साथ जाने का सवाल ही नहीं उठता है.‘ कुमार टल्ली ने भी कांग्रेस पार्टी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई है. उनका कहना है कि वह पार्टी के वफादार कार्यकर्ता रहेंगे. सिद्धारमैया के करीबी के अनुसार बी नागेंद्र ने नोटिस जारी होने के बाद अपनी रिएक्शन दी है व केवल जाधव ने अभी तक जवाब नहीं दिया है.