करंट लगने से हुई बेटे की मौत, तो जिंदा करने के लिए रेत में दबाई डेडबॉडी

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में अंधविश्वास का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक युवक करंट लगने के बाद घर में अचेत पड़ा था, उसकी धड़कने बंद हो चुकी थी, लेकिन अस्पताल ले जाने के बजाय उसे रेत में दबा दिया गया। परिजनों का मानना था कि ऐसा करने से उनका बेटा जिंदा हो जायेगा, लेकिन अफसोस ऐसा नहीं हुआ।

नहाते समय करंट लगने से मौत

मामला शाहजहांपुर के खुटार थानाक्षेत्र के कुईंया गांव का है। यहां रहने वाले शिवकुमार का 23 साल का बेटा दीपक नहाने के लिए घर के अंदर नल के पास गया था। नल के पास एक बिजली का तार लगा था, जो नल को छू रहा था। दीपक के नल को छूते ही उसके करंट लग गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

बेटे को जिंदा करने के लिए रेत में दबाई डेडबॉडी

परिजनों ने जब जमीन पर पड़े बेटे को देखा तो परिवार मे कोहराम मच गया। मां के कहने पर परिवार ने घर के अंदर रेत इकट्ठा की और दीपक की डेडबॉडी को रेत में दबा दिया। मां समेत पूरा परिवार ये आस लगाकर बैठ गया कि शायद अब उसका बेटा बैठ जाएगा, लेकिन काफी देर रेत में दबाने के बाद भी जब दीपक नहीं उठा। इसके बाद पड़ोसियों ने परिवार को समझाया की दीपक अब इस दुनिया में नहीं रहा।

क्या कहते हैं ग्रामीण

जब ग्रामीणों से रेत में दबाने कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ऐसा माना जाता है कि करंट लगने के बाद अगर शख्स को रेत मे दबा दिया जाए तो उसकी धड़कने फिर से वापस आ जाती हैं।