इसरो ने गुरूवार रात अपने मिशन-2019 की शानदार आरंभ की. नए वर्ष में चंद्रयान-2 समेत कई अहम अभियानों की तैयारी में जुटे इंडियन अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने अपने नए सैटेलाइट लांच व्हीकल पीएसएलवी-सी44 के जरिए माइक्रोसेट-आर सैटेलाइट को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में स्थापित कर दिया. इमेजिंग सैटेलाइट माइक्रोसेट-आर खासतौर पर सेना के लिए तैयार की गई है.
ऐसे भरी सफलता की उड़ान
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पोलर रॉकेट पीएसएलवीसी-44 ने 28 घंटे लंबे काउंटडाउन के बाद रात में करीब 11 बजे अंतरिक्ष केंद्र के पहले लांचपैड से उड़ान भरी. चार चरण ईंधन वाले पीएसएलवी-सी44 ने अपनी पहली ही उड़ान में 740 किलोग्राम वजन वाली माइक्रोसेट-आर को महज 13 मिनट 30 सेकंड बाद कक्षा में स्थापित कर दिया.
ऐसे हुई सफलतम लॉन्चिंग
जानकारी के लिए बता दें पीएसएलवी-सी44 ने माइक्रोसेट-आर के साथ भेजी गई कॉलेज विद्यार्थियों की बनाई ‘कलामसेट’ सैटेलाइट को भी तकरीबन 90 मिनट बाद अपने चौथे चरण के ईंधन की बदौलत 450 किलोमीटर दूर स्थित व ज्यादा ऊंची कक्षा में स्थापित किया. इस मौके पर इसरो के पूर्व चेयरमेन भी मिशन कंट्रोल सेंटर में मौजूद रहे.