एक बार में सिर्फ 25 श्रद्धालुओं को मिलेगी बाबा बर्फानी के दर्शन की अनुमति

अब शिवभक्त चमोली जिले के नीति घाटी के टिम्मरसैंण स्थित बाबा बर्फानी के दर्शन कर सकेंगे। बाबा बर्फानी मंदिर की यात्रा इस वर्ष 10 फरवरी से शुरू होने जा रही है। नीति घाटी के टिम्मरसैंण स्थित शिव मंदिर में शीतकाल के दौरान बर्फ से ठीक उसी आकार में शिवलिंग बनता है जैसे कि अमरनाथ में देखने को मिलता है। इसके चलते यहां के स्थानीय लोग इन्हें बाबा बर्फानी के नाम से भी पूजते हैं।

एक बार में सिर्फ 25 श्रद्धालुओं को मिलेगी अनुमति

10 फरवरी से शुरू होने वाले टिम्मरसैंण स्थित बाबा बर्फानी के दर्शनों के लिए एक बार में सिर्फ 25 श्रद्धालुओं को ही जिला प्रशासन की तरफ से अनुमति दी जाएगी। बता दें कि सुरक्षा की दृष्टि से टिम्मरसैंण महादेव की यात्रा पर जाने वाले यात्रियों का पंजीकरण शुरु हो गया है। इसके लिए यात्रा पर जाने वाले यात्रियों व पर्यटकों को दो दिन पूर्व जोशीमठ स्थित पर्यटन कार्यालय में अपना पंजीकरण कराना होगा।

समुद्र तल से 3600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है बाबा बर्फानी

बता दें कि भारत तिब्बत चीन सीमा से लगा अंतिम गांव नीति, समुद्र तल से 3600 मीटर की उंचाई पर स्थित है। यहां गांव के पास ही स्थित है शिव मंदिर, जिसमें शीतकाल में बर्फबारी होने के चलते स्वयं बर्फ का शिवलिंग बनता है।

रोजगार के साधन भी बढ़ेंगे

पहली बार आयोजित हो रही इस यात्रा से ग्रीष्मकाल में इस क्षेत्र में निवास करने वाले स्थानीय भी खासे उत्साहित हैं। स्थानीय निवासी देव सिंह राणा, धर्मेन्द्र पाल व महेन्द्र सिंह का कहना है कि इस यात्रा से न सिर्फ क्षेत्र को नई पहचान मिलेगी बल्कि स्थानीय रोजगार के साधन भी बढ़ेंगे। इस यात्रा को शुरू करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले गढ़वाल उपायुक्त डॉ. हरक सिंह रावत का कहना है कि इस यात्रा के शुरू होने से जहां लोगों को बाबा बर्फानी के स्वरूप के दर्शन होंगे वहीं इस क्षेत्र में पर्यटन व रोजगार के साधन भी बढ़ेंगे।

क्या कहते है अधिकारी

उप जिलाधिकारी जोशीमठ ने जानकारी देते हुए बताया कि टिम्मरसैंण महादेव की यात्रा की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके लिए सड़क मार्ग को खोलने का काम शुरू कर दिया है। बर्फ को पिघलाने के लिए नमक भेजा गया है। छह फरवरी आर्मी, आईटीवीपी, बीआरओ, स्वास्थ्य, पर्यटन, वन विभाग सहित अन्य विभागों का ज्वाइंट सर्वे किया जायेगा। साथ ही एक बार में 25 यात्री ही दर्शनों के लिए भेजे जायेंगे।